शिवरात्रि में छह नाटकों का मंचन

By: Feb 23rd, 2018 12:05 am

मंडी —अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर मेला कमेटी की ओर से शास्त्रीय संगीत और रंगमंच के लिए हर साल की तरह इस बार भी सरस्वती विद्या मंदिर सभागार में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शिवरात्रि नाट्योत्सव में छह नाटकों का मंचन किया गया, जिसमें ललित कला एवं सामाजिक विकास मंच सुंदरनगर की ओर से मंडयाली हास्य नाटक गंगाजल वर्सिज नींबू पानी का मंचन किया गया। मशहूर नाटय निर्देशक इंद्रराज इंदू के निर्देशन में इस नाटक में सामाजिक समस्याओं, कुरीतियों को व्यंग्य एवं हास्य के माध्यम से उजागर किया गया। समारोह का दूसरा नाटक मशहूर व्यंग्य लेखक स्व. हरिशंकर परसाई की रचना को दक्षा शर्मा ने निर्देशित किया। इस नाटक में पहला सफेद बाल आने पर इनसान को जो परेशानी उठानी पड़ती है, इसके माध्यम से कई विषयों पर कटाक्ष किया गया। समारोह का तीसरा नाटक हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान व नाट्य रंगमंडल द्वारा प्रस्तुत भगवदज्जुकम संस्कृत प्रहसन के रूप में पेश किया गया। बोधायन द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन दिनेश यादव ने किया है। इस नाटक में बौद्ध भिक्षु द्वारा अभ्यास के रूप में आत्माओं के उत्प्रवास के बारे में यानी परकाया प्रवेश का चित्रण किया गया। इसी कड़ी में धमेंद्र शर्मा की अगवाई में लोकनाट्य बांठड़ा की प्रस्तुति द्वारा भी दर्शकों का खूब मनोरंजन होता है। महोत्सव का पांचवां नाटक सोसायटी फॉर दि इ पावरमेंट ऑफ कल्चर डिवेलपमेंट की ओर से अष्ट्रावक्र नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक में कुरूप अष्टावक्र द्वारा शास्त्रार्थ द्वारा राजदरबार के महापंडित को पराजित करता है। शिवरात्रि नाट्योत्सव की अंतिम प्रस्तुति नवज्योति कलामंच मंडी की ओर से महाभारत के योद्धा कर्ण के जीवन पर आधारित कृति मृत्युंजय की प्रभावशाली प्रस्तुति दी गई।


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