सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड के आरोपियों पर छापे

By: Feb 16th, 2018 12:08 am

ईडी ने 5100 करोड़ की संपत्ति की जब्त; सभी आरोपी विदेश फरार, लुकआउट नोटिस जारी

मुबंई— पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और अन्य आरोपियों के 17 ठिकानों पर छापे मारे। इनमें नीरव का मुंबई के कुर्ला स्थित घर, काला घोड़ा स्थित ज्वेलरी शोरूम पर, बांद्रा की तीन जगहें, सूरत में तीन ठिकाने और दिल्ली के चाणक्यपुरी और डिफेंस कालोनी स्थित शोरूम शामिल हैं। इस दौरान करीब 5100 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। गौर हो कि पीएनबी बैंक की शिकायत के बाद बुधवार शाम को ईडी ने नीरव, उनकी पत्नी और भाई के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। नीरव समेत इस केस से जुड़े सभी लोगों ने जनवरी में ही देश छोड़ दिया था। सीबीआई ने सभी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। बता दें कि पीएनबी ने बैंकिंग इंडस्ट्री की सबसे बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा किया था। यह घोटाला 177.17 करोड़ डालर यानी करीब 11420 करोड़ रुपए का है। इसे मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में अंजाम दिया गया। पीएनबी घोटाला मामले में ईडी ने नीरव मोदी की पत्नी एमी, भाई निशाल, मेहुल चीनूभाई चौकसी, डायमंड कंपनी के सभी पार्टनर्स, सोलर एक्सपर्ट्स, स्टेलर डायमंड और बैंक के दो अफसरों गोकुलनाथ शेट्टी (अब रिटायर्ड) और मनोज खरत के खिलाफ केस दर्ज किया है। नीरव मोदी पहली जनवरी को विदेश चले गए थे। उनकी पत्नी एमी, जो एक अमरीकन सिटीजन हैं, उन्होंने छह जनवरी को देश छोड़ा था। मेहुल चौकसी ने चार जनवरी, नीरव के भाई निशाल मोदी ने पहली जनवरी को देश छोड़ा। उधर, कांग्रेस ने सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले को आजादी के बाद का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटला करार देते हुए आरोप लगाया कि इसके मुख्य आरोपी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संबंध हैं और इसी कारण उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तथा उसे विदेश भागने का मौका दिया गया। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी। इस मामले में 26 जुलाई, 2016 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस शिकायत को संज्ञान में लिया और इसे कार्रवाई के लिए भेज भी दिया गया,  इसके बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। श्री सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बैंक घोटाले के इस पूरे प्रकरण में नियमों का उल्लंघन किया गया है और यह सब काम प्रधानमंत्री कार्यालय की नाक के नीचे हुआ है। बैंक घोटालों को लेकर 42 प्राथमिकियां लंबित हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय को इन सबकी जानकारी थी। इसके बावजूद नीरव गुप्ता प्रधानमंत्री के साथ हाल ही में दावोस गए उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जानबूझकर चुप्पी साधे हुई है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले की परत खुलने से इसमें शामिल कई प्रमुख और प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आएंगे, इसलिए इस मामले में कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसी बीच, कानून मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को कांग्रेस द्वारा ‘छोटा मोदी’ करार दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस घोटाले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा और त्वरित कार्रवाई की जाएगी। श्री प्रसाद ने कांग्रेस प्रवक्ता के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस ने वेबुनियाद आरोप लगाए हैं। दावोस में इस वर्ष संपन्न विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में प्रधानमंत्री के साथ समूह फोटो में नीरव मोदी की मौजूदगी को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि नीरव मोदी दावोस में प्रधानमंत्री प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं था। वह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को फोटो की राजनीति बंद कर देनी चाहिए, नहीं तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के गीताजंलि जेम्स के मेहुल चौकसी के साथ भी अंतरंग तस्वीर मौजूद है। वर्ष 2013 में राजधानी में इंपीरियल होटल में नीरव मोदी के ब्राइडल शो में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी गए थे। कांग्रेस के कई नेताओं के संबंध नीरव मोदी से भी हैं। उधर, पीएनबी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि मुंबई स्थित उसकी एक शाखा में करीब 11500 करोड़ रुपए के घोटाले की शुरुआत वर्ष 2011 में ही हो गई थी। पीएनबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने दावा किया कि सबसे पहले पीएनबी प्रबंधन ने ही इस घोटाले की जानकारी जांच एजेंसियों को दी। श्री मेहता ने कहा कि गत तीन जनवरी को यह जानकारी मिली कि मुंबई स्थिति एक शाखा के दो कर्मचारी अवैध लेन-देन कर रहे हैं। कर्मचारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराया गया है।

पीएनबी ही भरेगा 11420 करोड़

मुंबई — नीरव मोदी द्वारा अंजाम दिए गए सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को लेकर आरबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक से कहा है कि इस मामले में शामिल दूसरे बैंकों को पूरे 11420 करोड़ रुपए का भुगतान वही करे।


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