समसामयिकी

By: Feb 21st, 2018 12:10 am

विश्व सतत विकास सम्मेलन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 फरवरी को राजधानी के विज्ञान भवन में विश्व सतत विकास सम्मेलन (डब्ल्यूएसडीएस- 2018) के 2018 वें संस्करण का उद्घाटन किया। डब्लूएसडीएस, द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी ) का प्रमुख मंच है, जो टिकाऊ विकास, ऊर्जा और पर्यावरण क्षेत्र से जुड़े  वैश्विक नेताओं और विचारकों को एक साथ लाने का प्रयास करता है। इस सम्मेलन में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन, उद्योग और वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप पुरी (स्वतंत्र प्रभार), नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा सहित कई प्रमुख राजनेता और कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों ने  हिस्सा लिया। इस साल शिखर सम्मेलन का विषय ‘पार्टनरशिप फॉर ए रेजिलिएंट प्लैनेट’ है। डब्लूएसडीएस 2018 जलवायु परिवर्तन की पृष्ठभूमि में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष मौजूद कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक ‘एक्शन फ्रेमवर्क’ बनाने का प्रयास करता है। शिखर सम्मेलन में विभिन्न प्रकार के मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें भूक्षरण रेकने, शहरों को कचरे के ढेर से मुक्त बनाने के लिए प्रभावी कचरा निपटान प्रबंधन प्रणाली विकसित करने , प्रभावी ढंग से वायु प्रदूषण का मुकाबला करने, संसाधन और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के उपाय करने, स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने का रास्ता बनाने तथा जलवायु परिवर्तन शमन के लिए वित्तीय तंत्र बनाने जैसी बातें शामिल रहीं।

डब्ल्यूएसडीएस 2018 में आयोजित की जा रही ग्रीनोवेशन प्रदर्शनी में सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में हुई नवीनतम तकनीकी प्रगति की झलक दिखी। दुनिया भर के नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, विचारकों, राजनयिकों और कंपनियों सहित 2000 से अधिक प्रतिनिधियों के इस सम्मेलन में हिस्सा लेने की उम्मीद है। सम्मेलन के शुरुआती सत्र में जाने- माने अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने भूमि, वायु और जल स्रोतों पर प्रभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे।


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