सूनी हुई छोटी काशी, घर देवता लौटे

By: Feb 22nd, 2018 12:05 am

 मंडी —सात दिन तक छोटी काशी के मेहमान रहे देवी-देवता अब अगले वर्ष फिर से आने का वादा कर अपने धाम को लौट गए हैं। बुधवार को बाबा भूतनाथ के प्रांगण चौहाटा की जातर के बाद अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि में आए देवी-देवता वापस अपने गांव लौट गए हैं। बुधवार को चौहाटा की जातर में देवताओं का दरबार सजा तो भारी भीड़ उनके दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी। इससे पूर्व मेला कमेटी के अध्यक्ष उपायुक्त ऋ ग्वेद ठाकुर की ओर से  राज राजेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद चौहाटा बाजार में मौजूद देवी-देवताओं को चादरें और पूजा सामग्री भेंट की गई। इसके बाद देवी-देवता वापस लौट गए। वहीं चौहाटा के बदले हुए स्वरूप में देवताओं के बैठने के लिए अलग और श्रद्धालुओं के लिए सड़क पर चलने को खुली जगह के चलते धक्का-मुक्की का आलम नहीं रहा। मंडी शिवरात्रि में आए देवता अपने परिजनों की तरह एक दूसरे से मिलकर एक साल के लिए जुदा हुए। देवताओं के जाने से मंडी नगर में उदासी का माहौल बन गया। हजारों लोगों ने भावुक आंखों से अपने देवी-देवताओं को विदाई दी। जनपद के देवता साल में एक बार शिवरात्रि के दौरान मंडीवासियों के मेहमान बनकर आते हैं। इस बार 14 फरवरी से मंडी देवी-देवताओं का आगमन शुरू हुआ था। उसके बाद छोटी काशी ढोल, नगाड़ों, शहनाई और रणसिंगों के समवेत स्वरों से गूंजती रही। देवी-देवता जहां प्रशासन के मेहमान थे, तो बड़ी संख्या में कई लोगों के घरों में भगवान मेहमान बन ठहरे हुए थे।

देवताओं के आशीर्वाद को उमड़ा सैलाब

बुधवार को चौहाटा की जातर में देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेने व उन्हें विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ आया। हजारों लोगों ने चौहाटा में देवी-देवताओं के आगे शीश नवाया।

टारना से उतरे बड़ादेव कमरूनाग

मंडी जनपद के बड़ादेव कमरूनाग भी टारना मंदिर का अपना आसन छोड़ कर देवी-देवताओं को विदा करने के लिए बुधवार को चौहाटा की जातर में आए। बड़ादेव ने कुछ देर के लिए सेरी चानणी की पौडि़यों में अपना आसन जमाया, तो उनके दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बड़ादेओ से मिलकर देवता वापस अपने अपने गांव के लिए रवाना हो गए।

बुरी आत्माएं भगाने को उछाला जौ का आटा

मंडी शहर की खुशहाली और समृद्धि के लिए देव आदि ब्रह्मा ने कार बांधी। देवता के गूर ने देवता के रथ के साथ शहर की परिक्रमा करते हुए नगर वासियों की सुख-समृद्धि के लिए दुआ की। आदि ब्रह्मा ने पूरे शहर का चक्कर लगाया और सारे शहर की कारबंधी की। इस दौरान देवता के देवलुओं ने जौ के आटे को गुलाल की तरह हवा में उछाल कर बुरी आत्माओं को दूर रहने का आह्वान किया। इसके बाद देव आदि ब्रह्मा ने सेरी मंच के पास अपनी शक्ति को भी दिखाया। हजारों लोगों ने इस अद्भुत दृश्य के दर्शन किए।


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