‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड’ से नवाजी जाएंगी हस्तियां

By: Feb 11th, 2018 12:16 am

समाज के लिए मिसाल व कुछ अलग करने वाली हस्तियों को ‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया ग्रुप हर साल की तरह इस बार भी ‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड्स’ से सम्मानित करेगा। अपने-अपने कार्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने पर ‘दिव्य हिमाचल’ साप्ताहिक ‘हिमाचल दिस वीक’ ने विभिन्न क्षेत्रों से छह हिमाचलियों को ‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड’ के लिए चुना है। ‘दिव्य हिमाचल’ इन हस्तियों को स्पोर्ट्स पर्सन, आयुर्वेदाचार्य , प्रोग्रेसिव फार्मर, फोक    सिंगर, लिट्रेटियर ऑफ दि ईयर के तमगों से सम्मानित करेगा                                -दामिनी कपूर, मटौर

 

लिट्रेटियर  ऑफ दि ईयर

डा. सुशील फुल्ल

डा. सुशील कुमार फुल अपनी प्रतिभा से हिंदी साहित्य में नाम स्थापित कर चुके हैं। पालमपुर के साहित्यकार डा.फुल ‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड’ ‘लिट्रेटियर ऑफ दि ईयर’ से सम्मानित होंगे। 15 अगस्त, 1941 को जन्मे डा. फुल ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से पीएचडी की और रिसर्च के बाद पहला लेख 1980 में  ‘हिमाचल के हिंदी साहित्य का इतिहास’ और फिर 2007 में दिया। उन्होंने फिर ‘हिंदी साहित्य का सुबोध इतिहास’ लिखा, जो अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक द्वारा प्रकाशित किया गया।

 

स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ दि ईयर

कबड्डी

कविता ठाकुर

वर्ष 2014 में एशियन गेम्स में कबड्डी में गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी मनाली के जगतसुख की रहने वाली अंततराष्ट्रीय खिलाड़ी कविता को ‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड’ ‘स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ दि ईयर’ के लिए चुना गया है। दस जनवरी, 1993 को जन्मी होनहार ने बचपन से ही बड़ी बहन को खेलते देख ठान रखा था कि वह भी पांचवीं पास करने के बाद कबड्डी खेलना शुरू करेंगी, फिर क्या था छठी कक्षा में पहुंचते ही कविता ने खेलना सीखा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चार गोल्ड मेडल जीत चुकीं होनहार माता कृष्णा सिंह को आदर्श मानती हैं।

विशाल भारद्वाज

ईरान में हुई कबड्डी एशियाई चैंपियनशिप में भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके ऊना के देहलां के विशाल भारद्वाज को ‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड’ ‘स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ दि ईयर’ से नवाजा जाएगा। विशाल प्रो. कबड्डी में प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। हाल ही में इनका चयन एशिया कप के कैंप के लिए भी हुआ है। पहली जनवरी, 1997 कोजन्मे होनहार ने आठवीं से खेलना शुरू किया था, फिर स्कूली स्तर पर राज्य व राष्ट्रीय लेवल पर खेल का प्रदर्शन किया। विशाल ने इंडिया की तरफ से जूनियर इंडिया की टीम में भी हिस्सा लिया था, जिसमें टीम ने गोल्ड जीता था।

आयुर्वेदाचार्य ऑफ दि ईयर डा. एसके शर्मा

आयुर्वेदा में पहचान बना चुके पपरोला के डा. सुरेंद्र कुमार शर्मा को ‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड’ ‘आयुर्वेदाचार्य ऑफ दि ईयर’ के लिए चुना गया है। प्रोफेशन, टीचिंग, रिसर्च, क्लीनिकल प्रैक्टिस, पालिसी प्लानिंग व एजुकेशन एंड रिसर्च में अनुभव प्राप्त कर चुके डा.शर्मा प्रदेश के साथ-साथ केंद्र में कई पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। 20 जुलाई, 1952 को जन्मे डा. एसके ने दयानंद आयुर्वेदिक कालेज जालंधर से 1975 में गोल्ड मेडल के साथ जीएएमएस की। इसके बाद उन्होंने आयुर्वेदा में पीएचडी एवं एमडी बनारस हिंदु विश्वविद्यालय से की।

 

फोक सिंगर ऑफ दि ईयर

इंद्रजीत

अपने सुरों से युवाओं के साथ-साथ कइयों को दीवाना बना चुके कुल्लू घाटी के इंद्रजीत को ‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड’ ‘फोक सिंगर ऑफ दि ईयर’ से नवाजा जाएगा। इतने कम वक्त में सोशल मडिया पर लाखों लोगों की पसंद बने इंद्रजीत कुल्लू के लोकगीतों को संजोए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लगवेली गांव के शालग गांव से पढ़ाई शुरू करने के बाद, गवर्नमेंट कालेज कुल्लू से ग्रेजुएशन कर चुके होनहार बचपन से ही गायकी के शौकीन थे और अपनी पहली एलबम ‘दिल का क्या कसूर रेशमा’ के साथ लोगों के दिलों पर राज कर बैठे।

फार्मर ऑफ दि ईयर

युसुफ खान

सरकारी नौकरी को दरकिनार कर मशरूम उत्पादन कर पहचान बना चुके युसुफ खान किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। ऊना के नंगल संलागड़ी में ‘खान मशरूम फार्म एंड ट्रेनिंग सेंटर’ में न केवल दर्जनों को नौकरी देने, परंतु सैकड़ों लोगों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण देने वाले प्रगतिशील किसान को ‘हिमाचल एक्सिलेंस अवार्ड’ ‘फार्मर ऑफ दि ईयर’ से नवाजा जाएगा। पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय से बीएससी एग्रीकल्चर व नौणी यूनिवर्सिटी से एमएससी माइकोलॉजी कर चुके वैज्ञानिक बहरीन में भी किसानों को मशरूम कल्टीवेशन की ट्रेनिंग दे चुके हैं।


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