13 हजार परिवार बिना टायलट के

By: Feb 20th, 2018 12:05 am

धर्मशाला — स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौच मुक्त राज्य के रूप में खिताब प्राप्त कर चुके प्रदेश में अब ये दावे झूठे होते दिख रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के 15 विकास खडों में 13 हजार 987 परिवारों के पास अभी भी शौचालय नहीं हैं।  दिसंबर माह में विभागीय सर्वे के दौरान हुए इस खुलासे में प्रदेश के स्वच्छ भारत को लेकर किए जा रहे बड़े-बड़े दावे हवा होते ही दिख रहे हैं। देश भर में सिक्किम राज्य को खुले में शौच मुक्त होने वाला पहला राज्य घोषित किया गया था, जिसके बाद अक्तूबर 2016 में हिमाचल को देश का दूसरा शौच मुक्त राज्य घोषित किया गया था।  उस समय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस उपलब्धि के लिए विभिन्न जिलों के पदाधिकारियों की पीठ भी थपथपाई थी। इतना ही नहीं, शिमला में इसके लिए समारोह का आयोजन भी किया गया था, जिसमें केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा उपस्थित थे। यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई। रिपोर्ट के आधार पर ही प्रदेश को दूसरा राज्य घोषित किया था, लेकिन जिला कांगड़ा में ही 13987 परिवारों के पास शौचालय न होना बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है।

सांसद शांता कुमार ने जताई चिंता

सांसद शांता कुमार ने इस रिपोर्ट को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ हम बात कर रहे हैं कि नए भारत का निर्माण किया जा रहा है। भारत की इकॉनोमी तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन असल में देखा जाए तो हम भारत सहित प्रदेश में शौचालय निर्माण नहीं कर रहे हैं। उन्होंने डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि बच्चों की बीमारियां उस क्षेत्र में तेजी से फैलती हैं, जहां लोग खुले में शौच जाते हैं।

2348 शौचालयों का चल रहा निर्माण

वर्तमान रिपोर्ट को देखते हुए जिला कांगड़ा में 2348 शौचालय का निर्माण कार्य मनरेगा के तहत चल रहा है। इसमें विभाग को दो माह के भीतर ही लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब यह आंकड़ा 11 हजार 639 रह गया, जो कि जिला में वर्तमान समय में बिन शौचालय हैं।


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