600 करोड़ बढ़ा योजना आकार

By: Feb 13th, 2018 12:08 am

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, अगले वित्त वर्ष में खर्चे जाएंगे 6300 करोड़ रुपए

शिमला— वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राज्य योजना का आकार 6300 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया गया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 10.51 प्रतिशत फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 600 करोड़ रुपए अधिक है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को पहले सत्र में सोलन, सिरमौर व शिमला के विधायकों के साथ विधायक प्राथमिकताओं के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के माध्यम से नाबार्ड के अंतर्गत विधायक प्राथमिकताओं के कार्यों के कार्यान्वयन के लिए धनराशि की सीमा में वृद्धि की भी घोषणा की। विधायक अब लोक निर्माण तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभागों से संबंधित अपने चुनाव क्षेत्र की 90 करोड़ रुपए तक की विभिन्न विकास योजनाओं को नाबार्ड को प्रेषित कर सकते हैं। इससे पूर्व यह सीमा 80 करोड़ रुपए की थी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए 1351 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लगभग 450 करोड़ रुपए की लागत से ऊना में पीजीआई उपग्रह केंद्र के लिए भी केंद्र सरकार का आभार जताया। ऊना में 300 बिस्तरों का यह पीजीआई उपग्रह केंद्र हिमाचल प्रदेश के मरीजों को उनके घर द्वार के समीप चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में मददगार साबित होगा और गुणात्मक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश से पीजीआई के लिए मरीजों की भीड़ को कम करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 69 राष्ट्रीय राजमार्गों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए परामर्शी सेवाएं लेने की प्रक्रिया इस वर्ष 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में उचित निर्देश भी जारी किए। उन्होंने समस्त विभागों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विकास कार्यों, विशेषकर सड़क परियोजनाओं के लिए वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दी जाने वाली स्वीकृति की शक्तियों को मौजूदा एक हेक्टेयर से पांच हेक्टेयर तक बढ़ाने के लिए मामला केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से उठाएगी, क्योंकि अधिकांश सड़क परियोजनाएं वन संरक्षण अधिनियम की जटिलताओं के कारण लटकी रहती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के लोगों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थायी विकास लक्ष्यों की रूपरेखा और वर्ष 2022 तक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के लोगों को स्वच्छ, प्रभावी, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा सूचना प्रौद्योगिकी व ई-गवर्नेंस को अतिरिक्त प्राथमिकता प्रदान करेगी, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ को साकार बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को विधायक प्राथमिकताओं के कार्यों को पूरा करने तथा इनमें से अधिकतर कार्यों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत स्वीकृत करवाने और विधायकों के सुझावों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए।

फिजूलखर्ची पर लगेगी लगाम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार अनुत्पादक खर्च यानी फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के उपायों के लिए आवश्यक कदम उठाने का सरकार प्रयास करेगी और राज्य की आर्थिक दशा को सुधारने की कोशिश करेगी।

 


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