आंध्र प्रदेश से प्राकृतिक खेती सीखेगा प्रदेश

By: Mar 18th, 2018 12:05 am

शिमला में आयोजित कृषि विभाग के सम्मेलन में योजना पर विस्तार से चर्चा

शिमला— शून्य लागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल अब आंध्र प्रदेश की मदद लेगा। आंध प्रदेश के मॉडल को जानने के लिए शनिवार को कृषि विभाग द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें शून्य लागत प्राकृतिक खेती क्या है, इसे कैसे किया जाता है और इसका क्या लाभ है, पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और आंध्र प्रदेश के कृषि सलाहाकार टी. विजय उपस्थित रहे। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल के लिए यह ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि आज राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाया है। उन्होंने प्राकृतिक खेती को आरम्भ करने के प्रयासों तथा इसके लिए 25 करोड़ के बजट प्रावधान प्रस्ताव के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की।  इस अवसर पर  राज्यपाल ने किसानों के साथ विचार-विमर्श में भी भाग लिया। सम्मेलन में अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि डा. श्रीकांत बाल्दी ने जैविक खेती पर पावर प्वाइंट के जरिए प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र स्तर पर प्रति हेक्टेयर 141 किलो रासायनिक खाद के मुकाबले प्रदेश में केवल 59 किलो रासायनिक खाद प्रति हेक्टेयर का उपयोग किया जा रहा है। कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के जैविक खेती विभाग के अध्यक्ष डा. जेपी सैणी ने आंध्र प्रदेश में प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों की सफलता की कहानियों को साझा किया। सम्मेलन में आंध्र प्रदेश के कृषि सलाहकार डा. टी विजय कुमार ने किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए प्राकृतिक कृषि को आरंभ करने के लिए 25 करोड़ का बजट रखने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और कहा कि इसके लिए प्रदेश को केंद्र से भी मदद दिलवाने का प्रयास किया जाएगा।


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