आईजीएमसी में पर्ची को लंबी लाइन

By: Mar 13th, 2018 12:05 am

शिमला —प्रदेश के सबसे बड़े व सबसे पहले मेडिकल कालेज आईजीएमसी में मरीजों की सहूलियत के लिए लगाई गई डिजिटल मशीनों के खराब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां हमेशा करोड़ों व लाखों रुपए खर्च कर लाई गई मशीनें हर कभी जवाब दे देती हैं। सोमवार को भी सप्ताह के पहले दिन ही मरीजों को पूरा दिन पर्ची काटने के लिए लंबी लाइनों में खड़े होना पड़ा। यहां दोपहर बाद भी मरीज लाइनों में पर्ची काटने का इंतजार ही करते रहे। थके हारे कई मरीज तो बिना इलाज करवाए घर लौट गए। उल्लेखनीय है कि अस्पताल में मरीजों की सहूलियत के लिए दो क्योस्क मशीनें लगाई गई हैं, जिसमें से एक मशीन दो दिनों से खराब पड़ी है, जिस वजह से अब ज्यादातर मरीजों को पर्ची काउंटर में लाइनों में खड़े होकर ही अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन की ओर से दो क्योस्क मशीनें लाखों खर्च कर लगाई गई थी, जिसका मकसद यही था कि अस्पताल में आने वाले सैकड़ों मरीज लाइनों में बिना खड़े ऑनलाइन ही अपनी पर्ची बना लें। लिहाजा आईजीएमसी में लगाई गई क्योस्क मशीनों का लोग ज्यादा फायदा नहीं ले पा रहे हैं। कारण यही है कि पहले से ही एक मशीन अस्पताल में खराब पड़ी है, दूसरी ओर कई लोगों को अभी तक डिजिटल क्योस्क मशीन में पर्ची बनानी ही नहीं आ रही है। उल्लेखनीय है कि आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। ऐसे में यहां प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां आकर भी लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होकर मरीज व उनके तीमारदारों का मर्ज और ज्यादा बढ़ जाता है।

नहीं मिल रहे यहां पुर्जे

उल्लेखनीय है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि जैसे ऑनलाइन पर्ची बनाने की मशीन खराब होगी, उसे एकदम ठीक किया जाएगा। इसके लिए अस्पताल में इंजीनियरों को तैनात करने की भी बात की गई थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं मिलना है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि क्योस्क मशीन के जो पुर्जे हैं वे हिमाचल में नहीं मिल पा रहे हैं व बाहरी राज्यों से मंगवाए हैं।


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