इराक में आईएस ने चार हिमाचलियों समेत 39 भारतीय उतारे मौत के घाट

By: Mar 21st, 2018 12:07 am

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की पुष्टि; डीएनए मिलान के बाद हुआ साफ, देवभूमि में छाया मातम

नई दिल्ली, शिमला— विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को राज्यसभा में पुष्टि की है कि इराक के मोसूल से तीन साल पहले अपहृत चार हिमाचललियों सहित 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है और सरकार उनके पार्थिव अवशेष देश में लाएगी। श्रीमती स्वराज ने सदन में आवश्यक दस्तावेज रखे जाने के बाद अपने बयान में कहा कि सभी लोगों के पार्थिव अवशेषों की डीएनए जांच से सोमवार को इस बात की पुष्टि हुई है कि मोसूल से जून 2015 से लापता 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 31 पंजाब के, चार हिमाचल प्रदेश के और शेष बिहार एवं पश्चिम बंगाल के थे। इन भारतीयों के पार्थिव अवशेष बदूश में ध्वस्त कारागार के समीप एक सामूहिक कब्र से मिले हैं, जिन्हें डीप पेनेट्रेशन राडार की मदद से खोजा गया और मार्टियर्स फाउंडेशन एवं इराक सरकार की मदद से उन अवशेषों को बगदाद ला कर उनका डीएनए परीक्षण किया गया। 38 भारतीयों के डीएनए देश में उनके परिजनों के डीएनए से हू-ब-हू मेल खा गए हैं, जबकि 39वें के डीएनए का 70 प्रतिशत मिलान हुआ है। उन्होंने कहा कि विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह इराक जाएंगे और मृतकों के पार्थिव अवशेषों को विमान से स्वदेश लाएंगे। यह विमान सबसे पहले अमृतसर जाएगा, जहां पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लोगों के पार्थिव अवशेषों को उनके परिजनों को सौंपेगा। इसके बाद यह विमान पटना एवं कोलकाता जाएगा। विदेश मंत्री द्वारा इराक में चार हिमाचलियों की हत्या की पुष्टि करते ही देवभूमि में मातम छा गया। मारे गए हिमाचलियों मेंकांगड़ा के तीन और मंडी जिला का एक युवक शामिल था। फतेहपुर धमेटा के संदीप कुमार, लंज (देहरा) के इंद्रजीत, धर्मशाला के पास्सू गांव के अमन और सुंदरनगर के हेमराज 2013 में रोजगार की तलाश में इराक गए थे और 2014 से लापता थे, जहां से अब इनकी मौत की खबर आई है। चार साल से अपने लाड़लों के लौटने को इंतजार कर रहे इनके परिजनों पर तो जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा है। उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इराक में चार हिमाचलियों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार शोक की इस घड़ी में उनके साथ है। यह घटना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि कू्ररतापूर्ण व एक अमानवीय कृत्य है, जिसकी प्रत्येक व्यक्ति द्वारा निंदा की जानी चाहिए। राज्य सरकार ने इन चारोंं के अवशेषों को शीघ्र वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया है। केंद्र सरकार ने सूचित किया है कि पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले मृतकों के अवशेष अमृतसर लाए जाएंगे और उसके पश्चात राज्य सरकार मृतकों के अवशेषों को उनके जन्म स्थान तक पहुंचाने के लिए सभी प्रबंध करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों में यदि कोई अन्य हिमाचली लापता है, तो राज्य सरकार उसका पता लगाने के लिए मामला केंद्र सरकार से उठाएगी।

कांग्रेस का सरकार पर आरोप:  कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि इराक में जिन परिवारों ने कोई अपना खोया, उनके साथ हमारी संवेदनाएं हैं, लेकिन सरकार का चार साल तक लोगों की मौत को छिपाना कहां तक सही है? अकाली दल ने इस मसले को लेकर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि क्या आप यह नहीं समझते कि विदेश मंत्रालय सबसे पहले सबूत देखता है। अगर एक भी शख्स जिंदा रहता है, तब तक हमारे दरवाजे बंद नहीं होते।

2014 में हुआ था अपहरण

11 जून, 2014 को इराक के मोसुल से आईएस के आतंकियों ने 80 लोगों का अपहरण किया था। जिनमें से 40 भारतीय और 40 बांग्लादेशी थे। बांग्लादेशियों को बाद में छोड़ दिया गया था और उनके साथ पंजाब का हरजीत भी नाम बदलकर निकलने में सफल रहा था। देश लौटकर हरजीत ने कहा था कि सभी भारतीयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। आईएसआईएस के चंगुल में मरने वाले भारतीयों में 27 लोग पंजाब, चार हिमाचल प्रदेश, छह बिहार और पश्चिम बंगाल के दो लोग थे। राजू यादव नाम के शख्स की पहचान नहीं हो सकी है। वह बिहार का रहने वाला था।


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