कुठेड़ा में महाशिवपुराण का गुणगान

By: Mar 14th, 2018 12:05 am

कुठेड़ा —कुठेड़ा में चल रहे महाशिव पुराण कथा में प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए पंडित सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कई बार दुष्टों के कारण भी भगवान के दर्शन हो जाते हैं। इस विषय पर एक रोचक प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार महर्षि गौतम के तपोवन में रहने वाले ब्राह्मणों की पत्नियां किसी बात पर उनकी पत्नी आहिल्या से नाराज हो गई और उन्होंने अपने पतियों को ऋषि गौतम का अपकार करने के लिए प्रेरित किया। ब्राह्मणों ने अपनी पत्नियों के झांसे में आकर  भगवान श्री गणेश जी की अराधना की। अराधना से प्रसन्न गणेश जी ने ब्राह्मणों को वर मांगने को कहा, जिस पर उन्होंने गौतम ऋषि को आश्रम से बाहर करने का वर मांगा। विवश भगवान गणेश ने अपने भक्तों का मन रखने के लिए एक दुर्बल गाय का रूप धारण कर ऋषि गौतम का खेत में जाकर रहने लगे। गाय को फसल चरते देख ऋषि ने बड़ी नरमी के साथ हाथ तृण लेकर उसे हांकने लगे।  तृणों के स्पर्श मात्र से गाय वहीं पर ढेर हो गई, जिससे हाहाकार मच गया कि ऋषि गौतम गो हत्यारे हैं। अन्य ब्राह्मण ऋषि गौतम महर्षि को गो हत्यारा कहकर उनकी भर्त्सना करने लगे। कुटी से उन्हें निष्कासित कर दिया तथा उन्हें पृथ्वी के तीन चक्कर, बाद में ब्रह्मगिरी की 101 बार परिक्रमा करने को कहा। तरह-तरह की यातनाएं सहन करने के बाद  भगवान शिव की अराधना में लीन हो गए। भगवान शिव ने गौतम ऋषि की भक्ति से प्रसन्न होकर वर मांगने को कहा तो उन्होंने भगवान शिव से गो हत्या के पास से मुक्ति का वर मांगा।


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