जीएसटी बना जी का जंजाल

By: Mar 26th, 2018 12:05 am

-कांतिलाल मांडोत, सूरत (ई-पेपर के मार्फत)

भारत और भारतीय की दुहाई देने वाली सत्तारूढ़ सरकार ने जनता की कमर तोड़ दी है। विकास के नाम पर देश की बढ़ती लोकप्रियता को भुनाकर गरीब लोगों को जीएसटी की मार से चिंताग्रस्त कर दिया है। देश के कपड़ा उद्योग से लेकर अन्य सभी व्यवसाय ठप होते जा रहे हैं। आम नागरिक से वसूला जाने वाला कर अन्य देशों के बनिस्बत भारत में ज्यादा है। भारत की जीएसटी कर प्रणाली विश्व की सबसे जटिल कर प्रणाली है। वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व के दूसरे देशों के बजाय ज्यादा कर वसूल करने वाला देश है। दरअसल सरकार की टैक्स क्रांति जनता की गाढ़ी कमाई पर एक प्रकार की झपट है। भारत की जनता पर लागू किया गया टैक्स दुनिया में दूसरे क्रम का सबसे ज्यादा है। नतीजतन सत्तारूढ़ पार्टी देश की जनता को विश्वास में रखकर देश के विकास की बात कर लूटने का ही काम कर रही है। गरीब जनता जहां अनाज के कण-कण की मोहताज है, वहां जनता से भारी टैक्स वसूला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। देश की जनता को भरपेट भोजन उपलब्ध नहीं होता है, वहां  टैक्स की मार कैसे सहन कर सकती है। दुनिया में भारत का नाम करने और मोदी मिशन को साकार करने के लिए लोगों को लूटना सरकार की नीतियों के खिलाफ  है। गुजरात बनारस का कपड़ा उद्योग बंद होने की कगार पर आकर खड़ा हो गया है। कर प्रणाली में सुधार  करने के लिए भाजपा नेता सूरत चुनाव के  समय तशरीफ  लाए थे। उन्होंने विश्वास के साथ कहा था कि भाजपा को वोट देना है। हम अपके साथ हैं। परंतु अभी तक कपड़ा उद्योग का सितारा बुलंद इसलिए नहीं हो सका, क्योंकि सरकार की धारणा रही है कि जनता को लूट कर देश का विकास करना है। भारतीय सरल टैक्स से ज्यादा कर अदा कर रहे हैं। यह थोथा भ्रम सरकार को बंद करना चाहिए। भारत में दुनिया के दूसरे क्रम का टैक्स वसूला जाता है। भारत में पांच स्लैब में अनेक वस्तुओं पर टैक्स नहीं लगाया है, जबकि जिन वस्तुओं पर टैक्स स्लैब के आधार पर कर लगाया गया है, उससे आम नागरिक की कमर तोड़ी जा रही है। सरकार कपड़ा उद्योग की तरफ  ध्यान नहीं देगी, तो कपड़ा उद्योग पर संकट हमेशा मंडराते ही रहेंगे।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App