ठगबाजों ने लूटे हिमाचली

By: Mar 20th, 2018 12:03 am

शाहतलाई में नौकरी का झांसा देकर युवक से ऐंठे पांच लाख

शाहतलाई – मेकेनिकल इंजीनियरिंग किए हुए युवक को नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन लाखों रुपए ट्रांसफर करवा जालसाजी में फंस गया। नौकरी पाने के झांसे में चार लाख 85 हजार 485 राशि शातिर बार-बार बैंक अकाउंट में एक युवक से धनराशि ट्रांसफर करवाकर चट करने का एक मामला पुलिस थाना तलाई में दर्ज हुआ है। पुलिस ने धोखाधड़ी करने पर अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 420 में युवक की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। ज्ञात रहे कि पिछड़ा कोटधार क्षेत्र पंचायत जेजवीं के निवासी गांव बैथरी विवेक कुमार पुत्र स्व. मदनलाल ने मेकेनिकल इंजीनियरिंग कर रखी है। विवेक कुमार ने पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश करना शुरू की थी। उसी के चलते पहले ऑनलाइन नौकरी डॉट कॉम पर नौकरी के लिए किसी व्यक्ति से बातचीत हुई। फिर नौकरी डाट कॉम पर सर्च कर ऑनलाइन अपना बायोडाटा भर दिया। जालसाजों ने उसे पहले रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए 1500 रुपए जमा करवाने को कहा, उसके बाद कभी नौकरी कन्फर्मेशन के लिए धनराशि फीस के रूप में जमा करवाने के लिए कहा और और यह भी झांसा दिया गया कि जो राशि विवेक कुमार जमा करवा रहा है, उसे रिफंड कर दिया जाएगा। मोबाइल के माध्यम से आई कॉल के चलते पहले रजिस्ट्रेशन के लिए 15 सौ रुपए ऑनलाइन ही जमा करवाएं, जिसके लिए बाकायदा उन शातिरों ने बैंक अकाउंट नंबर भी दिया और कहां की यह फीस रजिस्ट्रेशन फार्म के लिए ली जा रही है। उसके बाद फिर क्या उन्होंने विवेक कुमार को कभी 70 हजार रुपए राशि, कभी दो लाख राशि इसी प्रकार दो-तीन महीनों में यह सिलसिला चलता रहा और सात मार्च, 2018 तक कुल चार लाख 85 हजार 485 रुपए की धनराशि अलग-अलग किस्तों में मोबाइल ऐप से ही शातिरों ने विवेक कुमार से ट्रांसफर बैंक अकाउंट में करवाई है। बताया जा रहा है कि ठगी का शिकार हुए विवेक कुमार ने राशि अपने ताया के अकाउंट से ट्रांसफर की है, यह अकाउंट भी विवेक कुमार स्वयं ही चलाता है।

व्हाट्सऐप पर भेजा कन्फर्मेशन लैटर

विवेक कुमार को दिलासा देने के लिए वह उसे व्हाट्सऐप पर भी कई बार नौकरी की कन्फर्मेशन लैटर बनाकर झांसा देते रहे और नौकरी के संबंध में झूठे ही फार्म इत्यादि भेजते रहे कि आपकी नौकरी पक्की हो गई है और यह भी झूठा दिलासा देते रहे जमा करवाई सारी धनराशि आपको नौकरी लगते ही रिफंडेबल रहेगी। पुलिस उपअधीक्षक का कहना है कि जेजवीं पंचायत के युवक विवेक कुमार ने चार लाख 85 हजार रुपए राशि ठगने के लिए एक शिकायत पुलिस थाना तलाई में दर्ज करवाई है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है।

केसीसीबी को पांच साल में नहीं लगी गबन की भनक

हमीरपुर – कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक हमीरपुर में हुए चार लाख रुपए के फ्रॉड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बैंक प्रबंधन की ढील के चलते पांच साल तक धोखाधड़ी का पता ही नहीं चल पाया। इसी बीच कई बार ऑडिट हुआ, लेकिन पैसों के गबन का खुलासा नहीं हो सका। हर बार ऑडिट में कुछ चूक जरूर नजर आती रही। बाद में बैठी बैंक अधिकारिक जांच में पता चला कि व्यक्ति ने चार लाख रुपए की ठगी कर ली है। पांच साल बाद भी धोखे से लाखों एंठने वाला आरोपी खुलेआम घूम रहा है। बैंक प्रबंधन की आंखों में धूल झोंककर शातिर ने वर्ष 2013 में लाखों रुपए की चपत लगाई है। पहले बैंक प्रबंधन शक के आधार पर ही पांच साल तक कागजी छानबीन में जुटा रहा। पांच साल बाद चार लाख के गबन की फाइनल रिपोर्ट तैयार हो पाई। अब सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर क्यों इतने साल तक बैंक को फ्रॉड का पता नहीं चल सका। पांच साल पहले बैंक को चार लाख रुपए का चूना लगाकर आरोपी अपने गांव मथुरा वापस चला गया था। अब पुलिस के लिए इस मामले की गुत्थी सुलझाना मुश्किल हो गया है। संबंधित बैंक से पुलिस पांच साल पहले का पूरा रिकार्ड तलब करने जा रही है। पुराने फाइलें खंगालने के बाद पुलिस किसी नतीजे पर पहुंचेगी। जांच में स्थिति स्पष्ट होने के बाद आरोपी को पकड़ने की रणनीति तय होगी। आरोपी को धर दबोचने के लिए पुलिस उत्तर प्रदेश के मथुरा में भी दबिश दे सकती है। मामले का जांच अधिकारी हवलदार अशोक कुमार को लगाया गया है। जाहिर है कि वर्ष 2013 में मथुरा (उत्तर प्रदेश) निवासी नरेंद्र सिंह ने जोगिंद्र बैंक कंडाघाट सोलन से हमीरपुर कैनरा बैंक के नाम से एक चार हजार रुपए का बैंक ड्राफ्ट बनवाया था। व्यक्ति ने बड़ी चतुराई से चार हजार राशि के ड्राफ्ट को चार लाख रुपए का बना दिया।

2013 का है मामला

कांगड़ा को-आपरेटिव बैंक के प्रबंधक जेएन शर्मा ने पुलिस में शिकायत करवाई है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 व 467 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक रमन कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। बैंक से पुराना रिकार्ड तलब किया जाएगा। मामला 2013 का है। मामले की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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