बजट सत्र के लिए माननीयों ने अब तक भेजे 217 सवाल

By: Mar 1st, 2018 12:45 am

शिमला— छह मार्च से शुरू होने जा रहे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र से पूर्व इस बार विधायकों को सवाल पूछने के लिए पूरा 20 दिन का समय मिला है। अभी तक उन्होंने 217 तारांकित व अतारांकित सवाल विधानसभा सचिवालय भेजे हैं, जिन्हें जवाब के लिए सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। ज्यादातर प्रश्न सड़क, स्वास्थ्य, स्कूल, पद रिक्तियों और आईपीएच योजनाओं पर आधारित हैं। उन्होंने बताया कि छह मार्च को मुख्यमंत्री अनुपूरक बजट पेश करेंगे, जबकि नौ मार्च को वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया जाएगा। सत्रह बैठकों के दौरान महत्त्वपूर्ण चर्चाएं भी होंगी। दो दिन प्राइवेट मेंबर-डे के लिए निधारित किए गए हैं। बुधवार को विधानसभा सचिवालय में प्रेस गैलरी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने बताया कि इस बार सत्र से पूर्व 16 फरवरी को सत्र की अधिसूचना जारी हुई थी। शायद यह पहला मौका है कि विधायकों को सवाल पूछने के लिए 20 दिन का लंबा समय मिला हो। उन्होंने प्रेस गैलरी के सदस्यों से उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए गंभीरता से विचार जाने और ज्यादातर का मौके पर ही समाधान किया गया। इस अवसर पर सूचना एवं जन संपर्क निदेशक अनुपम कश्यप और विधानसभा सचिव सुंदर सिंह वर्मा भी मौजूद रहे। डा. बिंदल ने बताया कि सत्र के दौरान कार्यवाही पर आधारित सूचनाओं का तत्परता से आदान-प्रदान हो सके, इसके लिए हाईटेक सिस्टम स्थापित किया गया है।  उन्होंने बताया कि हर वर्ग को अलग से प्रवेश पत्र वितरित किए जा रहे हैं।  मीडिया के वाहनों को निश्चित स्थान पर पार्किंग के लिए कोई दिक्कत न आए, इन क्षेत्रों में किसी भी अन्य सरकारी व गैर सरकारी वाहन को खड़ा किया जा सके यह सुनिश्चित किया जाएगा। डा. बिंदल ने बताया कि विधानसभा की कार्यवाही में एक्सपंज किए गए अंशों की भी तय समय पर जानकारी मीडिया को दी जाएगी।

डिबेट के लिए भी तैयारी

यह पहली बार हो रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने नए व अन्य सभी विधायकों की सूचनार्थ विभिन्न चर्चाओं के लिए होमवर्क तैयार करने हेतु अलग से तैयारी शुरू की है। इसके लिए पुस्तकालय में ही प्रावधान किए जाने की तैयारी चल रही है।

शून्यकाल व सर्वदलीय बैठक

विधानसभा अध्यक्ष ने एक सवाल पर कहा कि प्रदेश में भी क्या शून्य काल का प्रावधान हो सकता है, इसके लिए संभावनाएं तलाशेंगे। अन्य राज्यों का भी अध्ययन करेंगे। डा. बिंदल ने कहा कि पांच मार्च को यह निर्णय लिया जा सकता है कि सर्वदलीय बैठक होगी या नहीं।

सलाहकार समिति की दो बैठकें

डा. बिंदल ने बताया कि पहली  बार कार्य सलाहकार समिति की दो बैठकें सत्र के पहले ही दिन की जा रही हैं, ताकि समय का निर्धारण सही तरीके से हो सके और उसी के अनुरूप सदन की कार्यवाही चल सके।


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