बिना बच्चें वाले स्कूल बंद करेगी सरकार

By: Mar 17th, 2018 12:07 am

बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बोले; कर रहे पुनर्विचार, कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए खोलीं पाठशालाएं

शिमला— मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐलान किया है कि जिन स्कूलों में बच्चे नहीं हैं, उनको बंद किया जाएगा। ऐसे स्कूलों को खुला रखने का कोई औचित्य नहीं है और सरकार इस पर पुनर्विचार कर रही है। विपक्षी दल की इस पर आपत्ति वाजिब नहीं है, क्योंकि ये स्कूल सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक मकसद से खोले गए थे। यदि पूर्व सरकार ने कुछ गलत किया है तो इस सरकार की जिम्मेदारी है कि उसे ठीक करे। शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित विधायक विक्रमादित्य सिंह के इस सवाल पर सदन में खूब गहमागहमी हुई। हालांकि सवाल शिमला ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा हुआ था, लेकिन इसमें विधायकों के हस्तक्षेप और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के जवाब से उपजी गहमागहमी में मुख्यमंत्री को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।

ये हैं मापदंड

शिक्षा मंत्री ने सदन में बताया कि पूर्व की ही सरकारों ने मापदंड तय कर रखे हैं। प्राथमिक विद्यालय के लिए डेढ़ किलोमीटर की दूरी और 25 बच्चों का नियम है, वहीं मिडल स्कूल के लिए तीन किलोमीटर की दूरी व 25 बच्चे होने जरूरी हैं, मगर पिछली सरकार ने ऐसा नहीं किया।

शिक्षक ने मांगा तबादला

सुरेश भारद्वाज ने सदन में बताया कि सुबह ही उनसे मिलने एक स्कूल का अध्यापक आया, जिसका कहना था कि उसके स्कूल में मात्र एक बच्चा है, लिहाजा उसे ट्रांसफर चाहिए। बता दें कि विक्रमादित्य सिंह ने सवाल किया था कि शिमला ग्रामीण में सरकार किसी शैक्षणिक संस्थान को बंद तो नहीं करने जा रही, जिस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि फिलहाल सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है।

यूं बढ़ी तकरार

कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ऐसे कह रहे हैं कि पूरा विकास वर्तमान सरकार ही करने लगी है, पूर्व की सरकार ने कुछ नहीं किया। ऐसे बोल रहे हैं, जैसे इनके समय में ही उजाला हुआ है। इससे सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच हल्ला शुरू हो गया।

दावा 19 हजार का, भरे 3707 पद

मुख्यमंत्री ने चर्चा के जवाब में कहा कि दिसंबर 2017 तक अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में 2944 पद स्वीकृति के लिए भेजे गए, जबकि लोक सेवा आयोग में 716 पदों की संस्तुति भेजी गई। इनका कुल योग 3707 बनता है और पांच साल पूर्व सरकार बेरोजगारों को गुमराह करती रही कि 19 हजार पद सरकारी क्षेत्र में भरे गए।

पांच साल में 18.6 फीसदी छात्र कम

मुख्यमंत्री ने बताया कि संस्थान खोलने के राजनीतिक लाभ के चलते शिक्षा में इतनी गिरावट आई कि पांच वर्षों में 18.6 फीसदी छात्र संख्या कम हुई। मौजूदा सरकार ने शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

…इसलिए भी पुस्तक दान योजना

मुख्यमंत्री ने भावुक अंदाज में कहा कि पुस्तक दान योजना उन्होंने इसलिए भी शुरू की है, क्योंकि वह गरीबी के भुगतभोगी है। उन्हें याद है जब एक कक्षा से वह पास होकर दूसरी कक्षा में जाते थे तो उनके परिजन उस छात्र को ढूंढते थे, जो उन्हें आगामी पढ़ाई के लिए अपनी किताबे दे सके।

पूर्व कांग्रेस सरकार ने बंद किए 158 स्कूल

मूल सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पूर्व में कांगे्रस सरकार ने 158 स्कूलों को बंद किया था और उसी साल 109 स्कूलों को समायोजित कर दिया था। इन्हें अपना समय याद नहीं है। वर्तमान सरकार समीक्षा कर रही है। जहां पर भी स्कूल खुले हैं, वहां पर बच्चों की संख्या को देखा जा रहा है। अधिकांश स्कूल पूर्व सरकार ने मापदंडों के अनुरूप नहीं खोले। दीवारों को पढ़ाने के लिए स्कूल नहीं खोले जाएंगे।


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