मधुमखी पालन से दोगुनी करें आय

By: Mar 24th, 2018 12:05 am

नौणी – मधुमक्खी पालन के विकास के लिए जागरूकता, प्रेरणा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आरंभ आज नौणी स्थित डा. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में हुआ। राष्ट्रीय माधवी परिषद द्वारा प्रायोजित इस संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों जिसमें हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों के 70 किसान शामिल हैं के अलावा छात्र, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अंजु खन्ना और समन्वयक डा. हरीश शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश ने प्रबंधित परागण के क्षेत्र में अग्रणी काम किया है, लेकिन इस क्षेत्र में सुधार की संभावना विशाल है। डा. हरीश शर्मा ने कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य किसानों के बीच जागरूकता पैदा करना है ताकि राज्य में मधुमक्खी पालन की क्षमता बढ़ाने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का विकास हो सके। उन्होंने परागण में मधुमक्खियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका और इसके द्वारा विभिन्न फसलों के उत्पादन और गुणवत्ता में वृद्धि पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में नौणी विवि के कुलपति और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. एचसी शर्मा ने कहा कि मधुमक्खी पालन एक ऐसा उद्यम है, जिसमें किसी को एक नया व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत संसाधन की आवश्यकता नहीं होती है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि मधुमक्खियों की अनुवांशिक विविधता में सुधार लाया जाए, ताकि बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सके।


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