मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार अविश्वास प्रस्ताव

By: Mar 17th, 2018 12:04 am

तेलुगू देशम पार्टी ने नाता तोड़ दिया बड़ा झटका, भारी हंगामे के चलते लोकसभा में नहीं हो पाया विचार

नई दिल्ली— लोकसभा चुनाव से महज एक साल पहले आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बड़ा झटका देते हुए साथ छोड़ दिया है। इसके बाद शुक्रवार को मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार लाया गया अविश्वास प्रस्ताव भारी हंगामे के कारण लोकसभा में विचार के लिए पेश नहीं किया जा सका। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। बता दें कि केंद्र में दो प्रतिनिधियों के मोदी सरकार के कैबिनेट से इस्तीफे के एक हफ्ते बाद 16 सांसदों वाली टीडीपी ने एनडीए का साथ छोड़ने का फैसला किया। तेलुगू देशम पार्टी तथा वाईएसआर कांग्रेस ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस श्रीमती महाजन को दिया था। अध्यक्ष ने शुक्रवार को एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर अध्यक्ष ने पहले जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन को बताया कि तेदेपा केटी नरसिम्हन तथा वाईएसआर कांग्रेस के वाईवी सुब्बा रेड्डी ने अविश्वास प्रस्ताव दिया है। श्रीमती महाजन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखने के लिए वह बाध्य हैं, लेकिन इसके लिए सदस्यों का शांत रहना जरूरी है और सदन को पहले व्यवस्थित होना चाहिए। सदन में अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है और लगातार हंगामा चल रहा है। हंगामे में प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सदस्यों की गिनती करना उनके लिए संभव नहीं है। इसी बीच विपक्षी दलों के सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए भारी हंगामा शुरू कर दिया। तेदेपा तथा वाईएसआर के सदस्य भी और उत्साहित होकर हंगामा करने लगे। विपक्षी दलों के कई सदस्यों ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को सदन में रखा जाना चाहिए, लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि जब सदन अव्यवस्थित है तो प्रस्ताव को इसके समक्ष कैसे रखा जा सकता है।

एनडीए छोड़ने के बाद अरुण जेटली पर बरसे नायडू

हैदराबाद — अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमने एनडीए का साथ छोड़ दिया है। हमने यह फैसला स्वार्थपूर्ण कारणों से नहीं, बल्कि आंध्रप्रदेश के हित में लिया है। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली ने कहा भावनाएं धन की मात्रा में वृद्धि नहीं कर सकती। यह कितना लापरवाही वाला बयान था। तेलंगाना भावनाओं पर ही तैयार किया गया। भावनाएं बहुत ताकतवर होती। अब आप अन्याय कर रहे हैं।

शिवसेना कर रही चर्चा

टीडीपी के बाद एनडीए के एक और बागी साथी शिवसेना भी केंद्र की मोदी सरकार को झटका देने की तैयारी में है। टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव के फैसले पर पार्टी स्टैंड को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। बता दें कि शिवेसना हाल के दिनों में महाराष्ट्र में लगातार बीजेपी सरकार को घेरती रही है। एनडीए में होने के बावजूद उसने भी लगातार बगावती तेवर अपना रखे हैं। ऐसे में शिवसेना की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की तरफ से संभावित पार्टी बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।


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