लेटलतीफी पर घिरी जयराम सरकार

By: Mar 23rd, 2018 12:05 am

मनाली — सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन न करने पर एनजीटी ने हिमाचल सरकार को फटकार लगाई है। गत पांच मार्च को होटल एसोसिएशन मनाली की याचिका पर सुनाए फैसले के बाद कमेटी का गठन न करने व टीसीपी के सेक्शन 39 के तहत कार्रवाई की रिपोर्ट न देने पर एनजीटी ने हिमाचल सरकार को एक लाख रुपए का जुर्माना किया है। इसके साथ ही 28 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है। एनजीटी ने कहा है कि उक्त जुर्माने के एक लाख रुपए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खाते में सरकार जमा करवाए। एनजीटी  ने अपने ताजा आदेशों में कहा है कि अगर एक सप्ताह के भीतर सरकार होटलियर्ज के मसले पर रिपोर्ट नहीं देती है, तो उस पर प्रतिदिन पांच हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा। एनजीटी ने साफ कहा है कि रिपोर्ट सौंपने को लेकर हिमाचल सरकार कई बार मोहलत ले चुकी है। ऐसा लगता है कि सरकार अकारण ही रिपोर्ट नहीं सौंप रही है। यहां बता दें कि पांच मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कुल्लू-मनाली के होटल व्यवसायियों के लिए राहत प्रदान की थी।  सर्वोच्च न्यायालय ने अपने पारित आदेशों में कहा था कि होटल इकाइयों के बिजली-पानी के कनेक्शन नोटिस प्रकिया के बाद काटे जाएं। इसके लिए होटल व्यवसायियों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत नोटिस समय अवधि की सुविधा दी जाए। इस प्रक्रिया के बाद ही राज्य सरकार होटल व्यवसायियों के विरुद्ध नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई करे। उधर , होटल एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष गजेंदर ठाकुर का कहना है कि एनजीटी ने पहले ये आदेश दिए थे कि प्रशासन होटलों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक कमेटी बनाए और एसडीएम उसकी अध्यक्षता करें। एनजीटी ने कमेटी के अधिकारियों को साफ कहा था कि  निरीक्षण के दौरान अगर किसी भी होटल में खामियां पाई जाती हैं, तो होटल को तुरंत बंद करें। साथ ही पर्यटन विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों को ये निर्देश भी दिए थे कि वे भी रजिस्ट्रेशन को रद्द करें। इसी के तहत होटल एसोसिएशन मनाली ने आइटम नंबर चार को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहली ही सुनवाई में यह फैसला सुनाया था कि एनजीटी इस सेक्शन को लागू नहीं कर सकती। होटलियर्ज पर टीसीपी की सेक्शन 39 के तहत प्रशासन कार्रवाई करे।


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