वैश्विक व्यापार युद्ध से भारत को फायदा नहीं

By: Mar 20th, 2018 12:07 am

नई दिल्ली – अमरीका और चीन के बीच बढ़ते विवाद के कारण वैश्विक व्यापार युद्ध की संभावना प्रबल होती जा रही है, लेकिन इस युद्ध में भारत की स्थिति मजबूत नहीं होगी, क्योंकि यहां आयातित अधिकतर वस्तुएं जरूरतों को पूरा करने वाली हैं। उद्योग संगठन एसोचैम के मुताबिक अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क लगाने और अन्य उत्पादों पर भी आयात शुल्क लगाने की चेतावनी देने का चीन, यूरोप और जापान ने कड़ा विरोध किया है। जहां तक इस विवाद में भारत की स्थिति की बात है तो हम चाहें भी तो बिना तकलीफ में आये इसका विरोध नहीं कर सकते, क्योंकि यहां आयातित वस्तुएं जीवन के लिए जरूरी हैं। भारत का आयात निर्यात से कहीं अधिक है, लेकिन इसके बावजूद वह वैश्विक व्यापार युद्ध में मजबूत स्थिति में नहीं है। आयात अधिक होने के बावजूद हम इसकी धमकी नहीं दे सकते हैं और इसका प्रभाव हमारे निर्यात पर पड़ेगा। देश का वार्षिक व्यापार घाटा लगभग 150 अरब डालर का है। चालू वित्त वर्ष में आयातित वस्तुओं का बिल 450 अरब डालर के पार जा सकता है, जबकि निर्यात लगभग 300 अरब डालर का है। आयातित वस्तुओं में एक चौथाई हिस्सा कच्चे तेल और उससे संबंधित वस्तुओं का है। इसके बाद प्लास्टिक और खाद का आयात होता है और अगर इनका आयात बंद किया जाए तो देश के पास इतनी उत्पादन क्षमता नहीं कि जरूरतों को पूरा किया जा सके। संगठन के अनुसार व्यापार युद्ध की आशंका के तेज होने से पहले ही फरवरी में स्टील आयात 21 प्रतिशत की वार्षिक बढ़त के साथ 1.15 अरब डालर रहा और अलौह धातुओं का आयात 33 प्रतिशत बढ़कर एक अरब डालर का रहा। भारत को स्टील आयात में आए तेज उछाल पर ध्यान देना होगा, क्योंकि यहां घरेलू उत्पादन क्षमता पर्याप्त है। ऐसे ही हालत कोयला और अन्य संबंधित उत्पादों की है, जिनका घरेलू उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।


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