सिर्फ विरोध के लिए विरोध

By: Mar 22nd, 2018 12:05 am

डा. विनोद गुलयानी, बैजनाथ

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वास्तव में एक जनहित बजट पेश किया है, परंतु इस कड़वे सच का विरोधी विरोध करना ही अपना धर्म समझते हैं। विपक्ष सदैव ही उसे सिरे से नकारने में आगे रहता है, क्योंकि यह रीत पहले से ही चली आई है। ठीक उसी प्रकार प्रतिपक्ष के सभी नेता उसके सुर में सुर मिलाकर अपनी बफादारी का प्रमाण देने में भी कभी नहीं चूकते। यह तो कदापि नहीं हो सकता कि बजट के सभी फैसले शत-प्रतिशत गलत या शत-प्रतिशत सही हों, परंतु विपक्ष-प्रतिपक्ष अपने ढंग से उसका अवलोकन कर एक ही दिशा में वक्तव्य देकर जनमानस को गुमराह करता है, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। इस बार गोवंश संरक्षण हेतु गोसेवा आयोग गठन, गोसदन स्थापना हेतु एक रुपए पट्टे पर सरकारी भूमि, शराब की प्रति बोतल पर एक रुपए व मंदिरों की आय का 15 प्रतिशत गोशालाओं पर खर्च व बेसहारा पशु रहित पंचायत को दस लाख रुपए का पुरस्कार एक नए व सराहनीय कदम की प्रशंसा में कंजूसी क्यों? साथ ही यदि वर्तमान सरकार फिजूल खर्च, परंपरागत उद्घाटनों पर रोक लगाने पर मुखर हो जाए, तो यह सोने पर सुहागा होगा तथा ईमानदारी से कर देने वालों व हिमाचल की भोलीभाली जनता के प्रति सच्ची श्रद्धा व इनसाफ होगा।

 


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