स्कूल-कालेजों को चलानी ही पड़ेंगी पीले रंग की बसें

By: Mar 21st, 2018 12:05 am

धर्मशाला— छात्रों की सुरक्षा और नियमों के पालन के लिए प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को अब पीले रंग की बसें ही छात्रों को लाने और ले जाने के लिए खरीदनी पड़ेंगी। अन्य आपरेटर्ज ने भी स्कूली छात्रों को लाने और ले जाने का काम करना है तो उन्हें सरकारी नियमों का पालन करना होगा। ऐसा निजी या छोटे स्कूलों ही नहीं, बल्कि सरकारी व विश्वविद्यालय तक के संस्थानों को करना होगा।  न्यायालय के नियमों का पालन करने के साथ-साथ ऐसे ओपरेटर्ज को कांट्रैक्ट कैरेज के तहत पंजीकरण भी करवाना होगा और वही वाहन छात्रों को स्कूल कालेजों में लाने-ले जाने के लिए मान्य होंगे। ऐसा न करने वाले संस्थानों व आपरेटर्ज के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित कांगड़ा जिला मुख्यालय स्थित नामी स्कूलों में भी नियमों को दरकिनार कर वाहनों में विद्यार्थी ढोए जा रहे हैं, जिससे न तो छात्र सुरक्षित हैं और न ही नियमों का पालन हो रहा है। इतना ही नहीं, स्कूल बसें न होने के कारण छोटे-छोटे वाहनों में नौनिहालों को ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है, जिससे खासकर छोटी कक्षाओं के बच्चों को खासा परेशान होना पड़ता है। ऐसा कई शैक्षणिक संस्थानों में हो रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग ने अब स्पेशल ड्राइव छेड़ने का प्लान किया है। नए शैक्षणिक सत्र से सभी संस्थानों को हर हाल में उचित व्यवस्थाएं बनाए जाने को कहा गया है, जिससे भविष्य में ऐसी कोई समस्या न हो।

केंद्रीय विश्वविद्यालय को नोटिस, बाकियों पर नजर

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी डा. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थानों को नोटिस भेजकर व्यवस्थाएं बनाने को कहा गया है, जबकि सेक्रेड हार्ट सहित अन्य स्कूलों एवं शैक्षणिक संस्थानों को नए सत्र से संस्थान स्तर पर या फिर निजी आपेरेटर्ज मिलकर स्कूल बसें तैयार करने को कहा गया है। इसके लिए संस्थान आउटसोर्स करें या फिर स्वयं पहल करें। छात्रों को नियमों अनुसार ही लाने और ले जाने की व्यवस्था करनी होगी।


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