हाइड्रो कालेज का मास्टर प्लान अप्रूव

By: Mar 24th, 2018 12:05 am

बोर्ड ऑफ गवर्नरज ने लगाई मुहर, महाविद्यालय के नाम को भी मिली मंजूरी

बिलासपुर – बिलासपुर की बंदलाधार पर बनने जा रहे देश के दूसरे हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज के निर्माण कार्य के लिए भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्सिज के अधीन कार्यरत नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन  लिमिटेड की ओर से तैयार किए गए मास्टर प्लान को बोर्ड ऑफ  गवर्नर्ज की अप्रूवल मिल गई है। अब कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू करने के लिए एनपीसीसी आगामी प्रोसेस स्टार्ट करेगी और 2020 तक यह कालेज तकनीकी शिक्षा विभाग के हैंडओवर कर दिया जाएगा। दूसरी ओर, बीओजी की मीटिंग में हाइड्रो कालेज का नए नामकरण की भी मंजूरी दी गई है। अब इसका नया नाम राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज होगा। जानकारी के मुताबिक 21 मार्च को शिमला में बीओजी के चेयरमैन प्रधान सचिव (तकनीकी शिक्षा) की अध्यक्षता में मीटिंग में आयोजित की गई, जिसमें एनटीपीसी, एनएचपीसी, तकनीकी शिक्षा और केंद्रीय प्रतिनिधियों ने उपस्थिति दर्ज करवाई। बीओजी के मेंबर सेक्रेटरी हाइड्रो कालेज के डायरेक्टर कम प्रिंसीपल प्रो. आरके अवस्थी हैं। बताते चलें कि मास्टर प्लान को फाइनल अप्रूवल मिलने के बाद अब कंपनी अगली कार्रवाई आरंभ करेगी। शुरुआती कार्य के लिए टेंडर होंगे और यह कार्य पूरा करने के लिए अगले दो साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा कक्षाएं नगरोटा से बिलासपुर के लिए शिफ्ट करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए विभाग की ओर एक कमेटी का गठन किया गया है जो कि तमाम कार्रवाई के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और सरकार की ओर से मंजूरी मिलने के बाद कक्षाएं अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करने की योजना है। उधर, कालेज के डायरेक्टर कम प्रिंसीपल प्रो. आरके अवस्थी ने कहा कि बीओजी की मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए हैं। जल्द ही कालेज के निर्माण कार्य की कवायद शुरू की जाएगी।  तकनीकी शिक्षा निदेशालय सुंदरनगर में कार्यरत निदेशक शुभकरण सिंह ने बताया कि मीटिंग में कई निर्णय हुए हैं, लेकिन इस बाबत विस्तृत जानकारी देने के लिए वह अधिकृत नहीं हैं। प्रधान सचिव तकनीकी शिक्षा ही इस बारे जानकारी दे सकते हैं।


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