होटलियर को मंजूर नहीं शर्तें

By: Mar 17th, 2018 12:05 am

मकलोडगंज में भवन को एक साल के भीतर गिराने पर ही मिलेगी छूट, प्रदूषण का दिया हवाला

मकलोडगंज – पर्यटन नगरी मकलोडगंज के अवैध होटलों पर  गाज गिरने के बाद प्रदेश सरकार ने होटलियर्ज से टीसीपी नियमों में संसोधन करने के लिए सुझाव व आपत्तियां आमंत्रित की हैं। सरकार ने होटलियर्ज को राहत देने लिए वैध भवनों में बिजली-पानी की सुविधा मुहैया करवाने की बात कही है, लेकिन साथ ही सरकार ने शर्त रखी है कि होटलियर्ज को यह छूट तो ही दी जाएगी, जब अवैध भवन को एक साल के भीतर गिराने अवैध भवन को तोड़ने के लिए  होटल मालिक तैयार होगा। होटल एसोसिएशन मकलोडगंज ने इस शर्त को मानने से साफ मनाही की है। उन्होंने कहा कि हम देश के नियोजन अधिनियम के नियमों में संशोधन करने के प्रस्ताव के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए आभारी हैं, एसोसिएशन ने भवन गिराने की शर्त पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि होटल इमारत के अनधिकृत हिस्से को गिराना संभव नहीं होगा। यह पर्यटन नगरी को और अधिक प्रदूषित करेगा। होटल एसोसिएशन ने मांग की है कि भवन के अनधिकृत हिस्से की संरचनात्मक स्थिरता व सुरक्षा तकनीकी रूप से योग्य संरचनात्मक इंजीनियरों से प्राप्त की जा सकती है और जमीन की क्षमता का भी पता लग जाएगा। ऐसे में भूमि मापदंडों के अनुसार सही नहीं निकलती है तो एसोसिएशन को मंजिल तोड़ना मंजूर होगा। होटल एसोसिएशन मकलोडगंज का कहना है कि होटल में स्टाफ के लिए भी भवन व स्टोर आदि के लिए कई कमरों की अवश्यकता रहती है। इन कमरों को तोड़ने के बजाय धरेलू तौर पर प्रयोग करने की अनुमति देनी चाहिए।  इसके साथ ही एसोसिएशन ने हिमाचल प्रदेश सरकार को  एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) को 300 प्रतिशत बढ़ाने का अनुरोध किया है। एसोसिएशन ने मांग की है कि राज्य के पर्यटन उद्योग और अर्थव्यवस्था के अस्तित्व के हित में एफएआर, सेट बैक, कंपाउंडिंग सीमा और समझौता शुल्क में संबंधित संशोधनों के साथ प्रस्तावित देश एन नियोजन नियमों में संशोधन किया जाए।


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