By: Mar 19th, 2018 12:01 am

सचिवालय में 26 मार्च को वित्त समिति की बैठक में रखा जाएगा आय का ब्यौरा

शिमला  – हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपना बजट प्रस्ताव तैयार कर इसे पास करेगा। इस पूरी प्रक्रिया को 26 मार्च को सचिवालय में होनी वाली वित्त समिति की बैठक में पास करने के लिए रखा जाएगा। बैठक में विवि कुलपति के साथ ही विवि के वित्त अधिकारी ओर अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। बजट में चर्चा के बाद विवि का बजट जारी किया जाएगा। इस वित्त वर्ष के लिए भी विवि का बजट घाटे का होने वाला है, क्योंकि विवि को सरकार से उम्मीद से कम अनुदान मिला है। विवि को सरकार से इस वित्त वर्ष 110 करोड़ का अनुदान मिला  है। विवि के बजट में 10 करोड़ की बढ़ोतरी की गई है, जो नाकाफी है। विवि ने अपने खर्चे को देखते हुए सरकार से 141 करोड़ की मांग की गई थी, लेकिन मात्र 110 करोड़ ही विवि के खाते में आए हैं। वित्त समिति की बैठक में विवि के इस वर्ष के खर्च और आय का पूरा ब्यौरा रखा जाएगा। विश्वविद्यालय के खर्चे पर हर वर्ष करोड़ों का खर्च हो रहा है। इस समय सबसे अधिक बोझ कर्मचारियों को दी जाने वाली पेंशन का है। विश्वविद्यालय के पास वर्तमान में एक हजार 20 के करीब पेंशनर हैं। इनकी पेंशन पर इक्डोल वर्ष में 41 करोड़ के करीब राशि खर्च करता है। प्रति माह साढ़े तीन करोड़ के करीब खर्च पेंशन पर खर्च हो रहा है। इसके अलावा 15 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ विवि पर सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए की गई आठ फीसदी अंतरिम राहत देने की घोषणा से पड़ा है। विवि के जो आय के अपने संसाधन है, उन पर जीएसटी का भी अतिरिक्त बोझ विश्वविद्यालय पर पड़ रहा है। विवि की ओर से जो फीस वृद्धि की गई है, उससे 10 से 12 करोड़ की आय हो रही है।

पगार पर खर्च होते हैं 70-80 करोड़

विश्वविद्यालय के खर्चों की अगर बात की जाए, तो हर वर्ष 70 से 80 करोड़ का खर्च विवि अपने एक हजार के करीब कर्मचारियों के वेतन पर करता है। इस खर्च में विवि के पेंशनरों को दी जाने वाली पेंशन भी शामिल है। इसके अलावा 15 करोड़ के करीब का खर्च विवि हर माह सेवानिवृत्त होेने वाले कर्मचारियों की देनदारियां चुकाने के लिए करता है।


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