आईआईटी के 50 पूर्व छात्रों ने नौकरी छोड़ बनाई अपनी पार्टी

By: Apr 23rd, 2018 12:07 am

एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकारों के लिए लड़ेंगे लड़ाई

नई दिल्ली – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से पढ़कर छात्र विश्व की बड़ी कंपनियों में काम करने का ख्वाब देखते हैं, लेकिन देशभर की अलग-अलग आईआईटी से पढ़े 50 पूर्व छात्रों ने समाज के पिछड़े वर्गों के लिए नौकरी छोड़ राजनीतिक पार्टी का गठन किया है। इन छात्रों ने अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) और अन्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी बनाई है। चुनाव आयोग की मंजूरी का इंतजार कर रहे इस ग्रुप ने अपने राजनीतिक संगठन का नाम बहुजन आजाद पार्टी (बआपा) रखा है। इस समूह का नेतृत्व तीन साल पहले आईआईटी- दिल्ली से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुके नवीन कुमार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम 50 लोगों का एक ग्रुप है। सभी अलग-अलग आईआईटी से हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए काम करने की खातिर अपनी पूर्णकालिक नौकरियां छोड़ी हैं। हमने मंजूरी के लिए चुनाव आयोग में अर्जी डाली है और इस बीच जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। पार्टी के सदस्य आनन-फानन में चुनावी मैदान में नहीं कूदना चाहते। उन्होंने कहा कि उनका मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ना नहीं है। कुमार ने कहा कि हम जल्दबाजी में कोई काम नहीं करना चाहते और हम बड़ी महत्त्वाकांक्षा वाला छोटा संगठन बनकर रह जाना नहीं चाहते। हम 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से शुरुआत करेंगे और फिर अगले लोकसभा चुनाव का लक्ष्य तय करेंगे। इस संगठन के सदस्य मुख्य रूप से एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से हैं, जिनका मानना है कि पिछड़े वर्गों को शिक्षा एवं रोजगार के मामले में उनका वाजिब हक नहीं मिला है। पार्टी ने भीमराव अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस और एपीजे अब्दुल कलाम सहित कई अन्य नेताओं की तस्वीरें लगाकर सोशल मीडिया में प्रचार शुरू कर दिया है। कुमार ने कहा कि एक बार पंजीकरण करा लेने के बाद हम पार्टी की छोटी इकाइयां बनाएंगे, जो हमारे लक्षित समूहों के लिए जमीनी स्तर पर काम करना शुरू करेंगी। हम खुद को किसी राजनीतिक पार्टी या विचारधारा की प्रतिद्वंद्वी के तौर पर पेश नहीं करना चाहते।

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