उन्नाव और कठुआ गैंगरेप पर बोले सितारे

By: Apr 22nd, 2018 12:10 am

उन्नाव और कठुआ रेप केस से पूरे देश के लोग गुस्से में हैं। बालीवुड सिलेब्स से लेकर आम आदमी तक हर कोई बुरी तरह मार दी गई बच्चियों के सपोर्ट में है। मुंबई में भी साइलंट प्रोटेस्ट किया गया जहां कई बालीवुड सिलेब्स ने रेपिस्ट्स को कड़ी सजा दिलाने की मांग की। अभिनेत्री भूमि पेडनेकर, शबाना आजमी, अदिति राव हैदरी, सुनील शेट्टी, विशाल डडलानी, हेलन, पायल रोहतगी, समीरा रेड्डी और एकता कपूर जैसे सितारों ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के मामले में कड़े कानून बनाए जाने चाहिए और घर में लड़कों को शिक्षा देनी चाहिए कि महिलाओं की इज्जत करें…

इस बारे में चर्चा करने से ही घिन आ रही है

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने  कठुआ गैंगरेप घटना पर टिप्पणी करते हुए इसे निंदनीय बताया। एक्टर और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के एंबेसेडर अमिताभ बच्चन ने कठुआ गैंगरेप मामले को भयावह बताया।  उन्होंने कहा, इस विषय पर चर्चा करने पर मुझे घिन आ रही है। इस विषय को मत उछालो। इसके बारे में सोचना भी भयावह है। उन्होंने बॉलीवुड हस्तियों ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे दुष्कर्म और अपराध के मामलों पर चिंता को लेकर अपनी आवाज उठाई है।

मुझे बहुत दुःख लगता है और घबराहट होती है

भूमि कहती हैं, हमारे देश में जिस तरह का माहौल है, ऐसे में एक लड़की होते हुए मुझे बहुत दुःख लगता है और घबराहट होती है। सोचती हूं कल आने वाली जो जनरेशन है उनका क्या होने वाला है। पता नहीं ह्यूमैनिटी किस तरफ  जा रही है। महिलाओं के मामले में माहौल में एक दरिंदगी और जानवर जैसी भावना देखने को मिल रही है। यह सब सचमुच बेहद हार्ट ब्रेकिंग है। मैं सिस्टम में विश्वास रखती हूं और आशा करती हूं उन्नाव और कठुआ गैंगरेप मामले में जल्द ही न्याय मिलेगा। इस तरह के घिनौने और नीच अपराध के लिए इतनी कड़ी सजा निर्धारित की जानी चाहिए, जिससे अगली बार कोई ऐसा अपराध करने से पहले डरे, किसी को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वह इतना घिनौना अपराध करके बच कर निकल जाएगा, इस तरह एक अच्छा उदाहरण सेट होगा।

बेटी को पढ़ाने के लिए उसे जिंदा भी तो रखना पड़ेगा

शबाना आजमी ने कहा, ‘हिंदुस्तान एक ऐसा मुल्क है जो कई सदियों में एक साथ जीता है। हम हिंदुस्तानी 18वीं, 19वीं, 20वीं और 21वीं सदी में एक साथ रहते हैं और यह सबसे ज्यादा नजर आता है हमारे देश की औरतों में। एक तरफ  हम देखते हैं हमारी औरतें बहुत ऊंचाइयों तक पहुंची हैं और बहुत बड़ी लीडर भी हैं और दूसरी ओर ऐसी खबरे पढ़ते, देखते, सुनते हैं कि कुछ कहने के लायक नहीं रह जाते। मुझे ऐसा लगता है कि हम एक आवाज के साथ पूरी तरह उठकर मेहनत करें ताकि जिस तरह के कांड रोजमर्रा में हो रहे हैं वह बंद हो जाएं। हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कहते हैं और यह होना भी चाहिए, लेकिन उसके लिए बेटी को जिंदा भी तो रहना चाहिए।

तू-तू, मैं-मैं से ऊपर उठकर एक्शन लेना होगा

समीरा रेड्डी ने कहा, शुरू से शुरू करना होगा। हर मां को अपने बेटे को लड़कियों और महिलाओं की इज्जत करना सिखाना होगा। बदलाव तो आएगा, लेकिन थोड़ा वक्त लगेगा। इस मामले में किसी सरकार, धर्म, समुदाय और माहौल को जिम्मेदार ठहराने का कोई मतलब नहीं है। बदलाव लाने के लिए तू-तू, मैं-मैं से ऊपर उठकर अपने लड़कों को महिलाओं की इज्जत करना। सिखाने की जरूरत है। मैं एक मां हूं और सभी माताओं को कहना चाहती हूं बचपन से ही बेटे की परवरिश में महिलाओं की इज्जत करने की बात को शामिल करें।

इन अपराधों को कतई भी पॉलिटिक्स और धर्म से न जोड़ें

पायल रोहतगी ने कहा, आज भारत देश दुनिया भर में गलत रीजन की वजह से फेमस हो रहा है। कुछ वर्ष पहले निर्भया केस हुआ था और लगातार ऐसे केस सामने आते रहे हैं और अब एक साथ कई रेप और गैंगरेप के मामले सामने हैं। इन अपराधों को कतई भी पॉलिटिक्स और धर्म से न जोड़ें। मुद्दा यह है कि हमारे भारतीय पुरुष महिलाओं को क्यों इस नजर से देखते हैं। हमारे लड़के घरों में कैसे बड़े हो रहे हैं जो वे महिलाओं की रिस्पेक्ट नहीं कर पा रहे हैं। महिलाओं को लेकर भारतीय पुरुषों की सोच पर हमें बात करनी चाहिए। सुधार लड़कों की परवरिश और सोच में करना जरूरी है।

यह कोई धर्म या किसी खास समुदाय से जोड़नी वाली घटना है क्या

अदिति राव हैदरी कहती हैं, जब तक हम सब मिलकर आवाज नहीं उठाएंगे कोई बदलाव नहीं आएगा। उन्नाव और कठुआ गैंगरेप मामले में जब आम जनता ने आवाज उठाई है तब जाकर इस मामले को इतनी गंभीरता से लिया गया है। अब हमें लगातार ऐसे मामले में खुलकर सामने आकर आवाज उठाते रहना होगा। यह मामला जनवरी महीने का है, कितने महीने गुजर गए हैं। इसी तरह तमाम परिवार और बहुत सी लड़कियां इस तरह की घटनाओं का शिकार हो रही हैं। अब इसे धर्म से जोड़ रहे हैं। यह कोई धर्म या किसी खास समुदाय से जोड़नी वाली घटना है क्या? यह एक बेसिक मांग है। देश की लड़कियां सुरक्षित रहें और खुद को सुरक्षित महसूस करें। पता नहीं लड़कों को क्या हो गया है। मुझे लगता है लड़कों को पढ़ाने की बहुत ज्यादा जरूरत है। जब तक एक लड़की मजबूत नहीं होगी देश विकास नहीं करेगा।

सुधार तभी होगा जब कड़े कानून बनेंगे

एकता कपूर कहती हैं, यह घटना बेहद पेनफुल है। सुधार तभी होगा जब कड़े कानून बनेंगे और पुराने कानून में परिवर्तन होगा। कम से कम समय में अपराधी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। केवल चर्चा करने से ऐसे मामलों में बात नहीं बनेगी। ऐसे मामलों में जल्दी कानूनी प्रक्रिया होनी चाहिए। लंबी कानूनी प्रक्रिया होने से अपराधी बचने का रास्ता ढूंढ लेते हैं और फिर दूसरे अपराधियों को भी शह मिलती है और इस तरह यह क्रम रुकने का नाम नहीं लेता।

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