ऊना में हर साल 50 को निगल रहा काल
ऊना —ऊना जिला में सड़क हादसे रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। हर वर्ष पूरे जिला में 200 से ज्यादा रोड एक्सीडेंट होते हैं और प्रति वर्ष इनके ग्राफ में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हर साल सड़क हादसों में 50 से अधिक बहुमूल्य जिंदगियां काल का ग्रास बनती है तो वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग घायल होते हैं। इनमें से कई वाहन चालक व सवार सड़क दुर्घटनाओं में अपने हाथ-पांव गंवा चुके हैं। हादसों में अकाल मौत का ग्रास बनने वालों में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इसी वर्ष 31 मार्च तक जिला में 62 सड़क हादसे हो गए हैं, जिनमें 38 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 112 घायल हुए हैं। ये तो केवल वहीं आंकड़े हैं जो पुलिस विभाग में दर्ज हैं, सैकड़ों मामले ऐसे भी होंगे जो कि पुलिस विभाग के पास दर्ज ही नहीं होते हैं। पुलिस सड़क हादसों को रोकने के प्रयास तो कर रही है, लेकिन ये सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। पुलिस प्रशासन पर वाहन चालकों की मनमानी भारी पड़ रही है। पुलिस विभाग चालान काटकर वाहन चालकों को सबक तो सिखाने का प्रयास कर रही है, लेकिन वाहन चालक इसकी परवाह किए बगैर यातायात नियमों की उल्लघंना करते हैं। विभाग ने हर थाना क्षेत्र में रोड सेफ्टी क्लब तो बनाए हुए हैं, लेकिन इन क्लबों की कार्रवाई केवल बैठकों व फोटो शूट तक ही सीमित रही है। किसी स्कूल, कालेज या अन्य शिक्षण संस्थानों में सड़क हादसों के प्रति जागरूकता शिविर बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। जिला में स्पीड लिमिट साइन बोर्डों की संख्या भी इक्का-दुक्का ही है। अगर अकेले ऊना शहर की ही बात करें तो कहीं भी स्पीड लिमिट का साइन बोर्ड दिखाई नही पड़ते है। वहीं, पुलिस जांच में यही सामने आया है कि ज्यादातर सड़क हादसे ओवर स्पीड व रैश ड्राइविंग के कारण होते हैं। ट्रैफिक नियमों की उल्लघंना करने वाले युवा चालक स्वयं के साथ-साथ दूसरों की जान को भी खतरे में डालते हैं। सड़क हादसों पर नियत्रंण रखने के लिए विभाग ने 15 ब्लैक स्पॉट भी निर्धारित कर रखे हैं। इन स्थानों को चिन्हित करके विभाग ने जहां पर क्रैश बैरियर, आई कैट्स व साइन बोर्ड भी लगा रखे हैं।
वर्ष एक्सीडेंट मौतें घायल
2012 239 57 436
2013 239 63 462
2014 259 82 391
2015 255 101 401
2016 292 153 453
2017 292 147 492
2018 62 38 112
क्या है ब्लैक स्पॉट
पुलिस विभाग के नियमों के अनुसार जिस स्थान पर तीन सालों में पांच सड़क हादसे या दस लोगों की मौत हुई हो उस स्थान को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया जाता है। ब्लैक स्पॉट चिन्हित होने के बाद जहां साईन बोर्ड व अन्य जरूरी दिशा निर्देश लगाए जाते हैं।
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