एचपीयू के छात्रों ने लिया संवाद में भाग

By: Apr 20th, 2018 12:07 am

शिमला   – हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतर्विषयक विभाग और प्रिया (पआरआईवाईए) गैर सरकारी संगठन के सहयोग से एक संवाद का आयोजन किया गया। यूथ एंड डेमोक्रेसी विषय पर  यह संवाद करवाया गया जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस संवाद का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य रजिंद्र सिंह चौहान ने किया। अपने संबोधन में उन्होने कहा भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जिसमें युवाओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। यही नहीं भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवाओं का देश है ऐसे में यह जरूरी है कि इस आबादी को लोकतंत्र के निमार्ण के लिए अपनी ऊर्जा को लगाना चाहिए। कुलपति ने कहा कि अंतर्विषयक विभाग हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होने से विद्यार्थियों को लाभ हो रहा है जिसे भविष्य में जारी रखा जाना चाहिए। प्रिया संगठन से कोस्तव चक्रवर्ती वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी ने विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए अनेक मुददों पर चर्चा की जिसमें चुनाव प्रक्रिया, भारतीय संविधान में आरक्षरण की अहमियत, वोटिंग बिहेवियर इत्यादि विद्यार्थियों की राय ली और गहन चर्चा की। यूथ और डेमोके्रसी पर यह संवाद 100 भारतीय शहरों और जिलों में दस लाख युवाओं के बीच किया जा रहा है कि आपकों इस बातचीत का हिस्सा क्यों होना चाहिए। भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है , 1.3 अरब भारतीयों में से आधे लोग 25 वर्ष की आयु से नीचे है, नाटकीय सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों में युवा भारतीयों को रोजमर्रा की जिंदगी में लोकतंत्र को आत्मसात करने की आवश्यकता है। इसके साथ और भी कई मुद्दों कि दैनिक जीवन में लोकतंत्र के क्या मायने हैं, पर दिलचस्प तरीके से संवाद का संचालन किया गया। अंतर्विषयक अध्ययन विभाग-एकीकृत हिमालयन अध्ययन संस्थान के निदेषक प्रो. अरविंद भट्ट ने कुलपति समेत प्रिया संगठन का धन्यवाद किया और कहा कि विभाग अपने विद्यार्थियों को हर प्रकार का एक्सपोजर देने की कोशिश कर रहा है ताकि विद्यार्थियों को अपनी क्षमता को पहचानने और उभारने का मौका मिले। इस कार्यक्रम में डा. रणधार रांटा और कुलदीप सिंह ने सफल आयोजन के लिए सभी विद्यार्थियों के सहयोग की सरहाना की। प्रो. अरविंद भट्ट निदेषक ने आह्वान किया कि विवि द्वारा अंतर्विषयक अध्ययन विभाग में एमबीए ग्रामीण विकास, एमएससी पर्यावरण विज्ञान, एमएफए पहाड़ी मिनियेचर पेंटिग व आपदा प्रबंधन में डिप्लोमा सहित चार पाठयक्रम चलाए जा रहे जो वर्तमान समय में सरकार की विकास योजनाओं और कार्यक्रमो के अनुरूप अति वांछनीय है तथा वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन जैसी चुनौतियों के अध्ययन की दृष्टि से उपयोगी है। जो पिछले पांच वर्षों में इन पाठयक्रमों में विद्यार्थियों की रूची बढ़ी है से प्रतीत होता है।

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