गगरेट में… 427 हैंडपंप, 90 खराब 

By: Apr 16th, 2018 12:05 am

गगरेट  —गर्मी के मौसम के दस्तक देते ही बेशक सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री जनता तक स्वच्छ पेयजल हर हाल में पहुंचाने के लिए जिला स्तर पर सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के साथ बैठकें आयोजित करें, लेकिन गर्मी के मौसम में पेयजल का विकराल संकट खड़ा हो जाने की स्थिति में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूरी नहीं लग रही है। विधानसभा क्षेत्र गगरेट में ही सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के कई हैंडपंप खराब पड़े हैं लेकिन समय रहते खराब हैंडपंप ठीक नहीं हो पाए हैं। भयंकर गर्मी पड़ने की सूरत में जनता को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ सकता है। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की ही मानें तो विधानसभा क्षेत्र गगरेट में अब तक 427 हैंडपंप स्थापित किए जा चुके हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुरूप इनमें से नब्बे हैंडपंप खराब हैं। इनमें से 65 हैंडपंप ठीक किए जा सकते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह ही है कि मार्च माह तक इन हैंडपंप की सुध क्यों नहीं ली गई। हालांकि विभागीय अधिकारी भी जानते हैं कि गर्मी के मौसम ने दस्तक दे दी है ऐसे में इन हैंडपंप को अब तक चलने की स्थिति में आ जाना चाहिए था। अगर हकीकत में यही स्थिति है तो फिर सरकार का हर साल करोड़ों रुपए हैंडपंप की स्थापना पर खर्च करने का क्या अर्थ जाहिर है कि जिन बस्तियों में गर्मी के मौसम में पेयजल संकट लगातार रहता है, वहां पर इन हैंडपंप को पंप व मोटर लगाकर इन्हें मिनी पेयजल योजना का रूप दिया जा सकता है। इससे सरकार के पैसे भी बचेंगे और पेयजल किल्लत भी दूर होगी लेकिन इस ओर भी कोई कारगर योजना नहीं है।  अब दलीलें लाख दी जा सकती हैं, लेकिन हैंडपंप की समय-समय पर  समीक्षा न हो पाने के कारण सरकार को भी सालाना करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है।

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