ज्ञान चंद टुटू धामी आंदोलन में शामिल हुए

By: Apr 18th, 2018 12:05 am

बनारस विश्वविद्यालय में अपने आरंभिक शैक्षिक वर्षों में ज्ञान चंद टुटू पंडित पद्म देव के मार्गदर्शन में  धामी आंदोलन में शामिल हो गए। वह धामी प्रजा मंडल के सक्रिय सदस्य बन गए और 1940 ई. में वह रियासती प्रजा मंडल के महासचिव बने और 1940 ई. में इसके अध्यक्ष बने…

गंगा सिंह

कर्म सिंह के सुपुत्र थे। इनका जन्म जिला मंडी के सुंदरनगर गांव चौक में नौ सितंबर, 1930 ई. को हुआ। इन्होंने बीए, एलएलबी की थी। इनकी सात पुत्रियां थीं। वह भूतपूर्व सैनिक और वकील थे। इन्होंने इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून से कमीशन लिया था। प्रदेश शिक्षा विभाग में अध्यापक के रूप में भी कार्य किया था। 1969 ई. में शहरी जायदाद पर टैक्स लगने के विरोध में आंदोलन को संगठित किया, हिमाचल प्रदेश राज्य के कर्मचारियों का 1970 ई. में पक्ष लिया, म्यूनिसिपल कर्मचारियों के आंदोलन (1971) और पंचायत सचिवों के (1971) आंदोलन का पक्ष लिया। 1972 ई. में प्रदेश विधानसभा के लिए व 1977 ई. में लोकसभा के लिए चुने गए। 15 अगस्त, 2000 को इनका निधन हो गया।

ज्ञान चंद टुटू

इनका जन्म 15 सितंबर, 1919 ई. को टुटू, शिमला में हुआ। बनारस विश्वविद्यालय में अपने आरंभिक शैक्षिक वर्षों में पंडित पद्म देव के मार्गदर्शन में धामी आंदोलन में शामिल हो गए। वह धामी प्रजा मंडल के सक्रिय सदस्य बन गए और 1940 ई. में वह रियासती प्रजा मंडल के महासचिव बने और 1940 ई. में इसके अध्यक्ष बने। बाद में वह कुनिहार, अर्की, कोटी, ठियोग, कुमारसैन, सिरमौर आदि प्रजा मंडलों से संबद्ध हो गए। वह हिमालयन क्षेत्रीय परिषद के प्रतिनिधि थे और फिर वह इसके उपाध्यक्ष चुने गए। 1946 ई. में इन्होंने हिमालयन क्षेत्रीय परिषद से त्याग पत्र दे दिया। 1942 ई. में राजकुमारी अमृत कौर, श्री बैजनाथ और किशोरीलाल के साथ भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हो गए। पटियाला पुलिस द्वारा इन्हें गिरफ्तार किया गया और दो महीने के लिए कंडाघाट जेल में कठोर कारावास दिया गया। 1946 ई. में कत्ल के झूठे केस में फंसाया गया और तीन महीने के लिए जेल में डाल दिया। 1947 ई. के बाद वे कई संघों और संगठनों के सदस्य थे।वह पीईपीएसयू विधानसभा के 1953-55 तक सदस्य रहे, 1953-66 तक सार्वजनिक लेखा समिति के चेयरमैन रहे, वेतन संशोधन कमेटी (1956) के चेयरमैन भी रहे। 1962 से 1966 तक पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे। 1965-66 ई. में पजाब के पहाड़ी क्षेत्रों के विकास और उद्योग के उपमंत्री रहे। नए क्षेत्रों का हिमाचल में विलय होने के बाद 1966-67 और 1985-90 ई. में हिमाचल विधानसभा के सदस्य रहे। 1974 ई. में राज्यसभा के लिए चुने गए। सन् 2009 में इनकी मृत्यु हो गई।

रोशन लाल

इनका जन्म 22 जून, 1913 ई. को मंगबाई, मंडी में हुआ। 1930 ई. में गुजरांवाला में इन्हें 6 साल की सजा हुई। वहां उन्होंने 11 दिन की भूख हड़ताल रखी, इसलिए जल्द ही रिहा कर दिए गए। 1932 में लाहौर में इन्हें एक साल के लिए सेंट्रल जेल में सजा हुई। 6 सितंबर, 1972 को इनका देहांत हो गया।

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