टैक्सी आपरेटरों के आगे हम बेबस

By: Apr 18th, 2018 12:05 am

हिमाचल फोरम

एक ओर निजी स्कूलों की मनमानी और हर साल बढ़ रही फीसों से अभिभावक परेशान हैं तो वहीं अब निजी टैक्सी आपरेटरों की मनमानी भी अभिभावकों पर भारी पड़ रही है। अपनी मनमर्जी से किराए में बढ़ोत्तरी टैक्सी चालकों ने की है। इससे अभिभावकों को माह में दोगुनी फीस चुकानी पड़  रही है। निजी टैक्सी आपरेटरों की तानाशाही से परेशान अभिभावकों ने दिव्य हिमाचल से साझा की अपनी परेशानी इस वर्ष टैक्सी चालकों ने दामों को एक हजार से बढ़ाकर 22 सौ 24 सौ के करीब कर दिया है। इतना किराया देने के बाद भी बच्चों को अच्छी और सुरक्षित टैक्सी सुविधा नहीं दी जा रही है। ऐसे में अगर जिन स्कूलों के पास अपनी बसें नहीं हैं उनमें एचआरटीसी को अपनी बसें चलानी चाहिए। इससे जहां कम किराए में बच्चे  सुरक्षित स्कूल पहुंचेंगे।

भावना शर्मा, शिमला

किराए के आगे बेबस

निजी टैक्सी आपरेटरों की मनमानी पर अभिभावक रेखा शर्मा का कहना है कि  निजी स्कूलों में अधिकतर स्कूलों के पास अपनी बसों की सुविधा नहीं है। छात्रों को स्कूल पहुंचाने और घर तक लाने के लिए टैक्सियों का विकल्प ही अभिभावकों के पास है। हर साल किराए में बढ़ोत्तरी निजी टैक्सी आप्रेटर कर देते हैं। ऐसे में अभिभावक हर वर्ष मनमर्जी से बढ़ते किरए से परेशान होने के बाद भी अपने बच्चों को इन टैक्सियों में स्कूल भेजने को मजबूर हैं। ऐसे में स्कूलों के लिए अगर एचआरटीसी बसों की सुविधा मिले तो यह बेहतर पहल इस दिशा में होगी।

करते हैं मनमानी

अभिभावक सोनिया ठाकुर का कहना है कि इस वर्ष टैक्सी चालकों ने किराया दो हजार से अधिक बढ़ा दिए हैं। अभिभावक किराया तो मजबूरी में दे रहे हैं लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से बच्चे अभी भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में अगर स्कूल एचआरटीसी की बसों को स्कूल बस के रूप में इस्तेमाल करें और किराया परिवहन निगम के नियमों पर अभिभावकों से लिया जाए तो इससे बच्चों का सफर सुरक्षित होने के साथ ही अभिभावकों को राहत मिलेगी।

एचआरटीसी बेहतर विकल्प

अभिभावक मोनिका चौहान का कहना है कि राजधानी में अधिकतर स्कूल ऐसे हैं जिनके पास अपनी ट्रांसपोटेशन सुविधा नहीं है। अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए टैक्सियों में भेजने के लिए मजबूर हैं। इसके लिए अगर एचआरटीसी की ओर से पहले की जाए और स्कूल बसों के तौर पर बसें लोकल रूट पर चलाई जाए तो अभिभावकों के लिए यह कदम बेहद सुविधाजनक होगा।

कुछ स्कूलों में सुविधा

अभिभावक दीपिका कंवर का कहना है कि राजधनी शिमला में कुछ एक स्कूल ही ऐसे हैं जहां बच्चोें को एचआरटीसी की बसें स्कूल तक पहुंचाने और घर छोड़ने के लिए इस्तेमाल हो रही हैं। ऐसे में अगर सभी स्कूलों में एचआरटीसी की बस सुविधा मिले तो इसमें सही प्रशिक्षित चालक बच्चों को सुरक्षित तरीके से स्कूल और घर तक पहुंचा सकते हैं।

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