डिफेंस एयरपोर्ट के लिए जमीन की तलाश शुरू

By: Apr 1st, 2018 12:25 am

नागरिक उड्डन मंत्रालय का दल सर्वे के लिए जल्द पहुंचेगा स्पीति वैली, तैयारियां पूरी

केलांग— सरहद पर चीन की संदिग्ध गतिविधियों के बीच भारत ने स्पीति से सटे सीमांत इलाकों में किलेबंदी शुरू कर दी है। स्पीति में डिफेंस एयरपोर्ट बनाने को लेकर केंद्र ने सर्वे शुरू करने का फैसला किया है। ऐसे में भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय से एक दल जल्द ही घाटी में सर्वे के लिए पहुंच रहा है। यह दल स्पीति के किब्बर, रंगरीक, डैमुर सहित डंखर में हवाई अड्डे के लिए जमीन तलाशेगी। उल्लेखनीय है कि ड्रैगन की चुनौती से निपटने के लिए हिमाचल की जयराम सरकार एशिया के सबसे ऊंचे गांव में शुमार किब्बर में हवाई अड्डा विकसित करने का प्रोपोजल केंद्र को कुछ समय पहले भेज चुकी है, जिस पर केंद्र ने साफ कहा है कि स्पीति में डिफेंस एयरपोर्ट बनाना तो है, लेकिन वह तभी तय हो पाएगा, जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय का दल उन्हें अपनी सर्वे की रिपोर्ट सौंपेगा। इसी के चलते नागरिक उड्डयन मंत्रालय का दल जल्द ही स्पीति पहुंच रहा है। हिमाचल के साथ लगती करीब 230 किलोमीटर की सीमा को देखते हुए शीत मरुस्थल में प्रस्तावित यह हवाई अड्डा सामरिक नजरिए से अहम साबित होगा। यदि प्रोजेक्ट सिरे चढ़ता है और भानुपल्ली, मनाली-लेह रेललाइन बन जाती है तो भारतीय सेना के लिए यह लाइफलाइन साबित होगी। मौजूदा समय में लाहुल-स्पीति में ही समुद्र तल से करीब 3245 मीटर की ऊंचाई पर स्थित काशोक बाकुला रेपोंचे हवाई अड्डा देश में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है। इसका उपयोग सेना के साथ साथ अन्य लोग भी करते हैं। हाल ही में मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर स्पीति में डिफेंस एयरपोर्ट बनाने का मामला उठाया था।  इस दौरान उन्होंने एक प्रोपोजल भी रक्षा मंत्री को सौंपा था। इसके बाद इस पर केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय ने काम करते हुए इसे सैद्धांतिक मंजूरी भी प्रदान कर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अगामी कार्रवाई करने के लिए भेज दिया गया था। यह हवाई अड्डा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के साथ-साथ कबायली जिला की तकदीर भी बदलेगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App