दहाड़ें मारकर रोया नूरपुर
नूरपुर— सदियों से अच्छे-बुरे दिनों का गवाह बनता आया नूरपुर सोमवार दोपहर बाद जिस कद्र छाती पीटकर रोया, वैसा शायद ही कभी रोया होगा। रियासत काल में ऐसा नहीं कि नूरपुर की धरती जंगों के कारण लहू से लाल न हुई होगी, पर तुतलाते बच्चों का खून इस तरह जमीन पर न बहा होगा। लोग पूछते दिखे कि क्या नौ अपै्रल जैसा कोई और दिन गुजरा होगा, जब हंसते-खिलखिलाते 24 मासूम बच्चे चुटकी बजाते लहूलुहान बेजान शरीरों में बदल गए होंगे? शायद नहीं। और भगवान करे ऐसा मनहूस दिन धरती पर फिर कभी न आए। मौत किस कद्र बेरहम हो सकती है, इसका सबूत उस खाई में उतरकर साफ दिख रहा था, जहां फूलों जैसे सुकुमार शवों में बदलकर अभागी बस के ढांचे में फंसे पड़े थे। आलम ऐसा कि मजबूती से मदद में जुटे हाथ लाल आंखों से बरबस बरसते आंसू पोंछने को भी मजबूर थे। हादसे का जिम्मेदार कौन था, यह फैसला बाद में होता रहेगा, पर सदके उन दर्दमंदों के जो बस गिरने की खबर पाते ही मौके पर आ पहुंचे और कई माताओं की गोद सूनी होने से बचा ली। जिन माओं ने अपने जिगर के टुकड़े यूं खो दिए, वे शायद ही कभी चैन की नींद सो पाएं, पर उनकी आहें यही दुआ मांगेंगी कि ऊपर वाला किसी और मां को ऐसा बुरा दिन हरगिज न दिखाए। हालांकि यह दुआ कबूल करवाने के लिए हुकूमत और हुकमरानों को कुछ पसीना बहाना होगा। उन सड़कों की मरम्मत करनी होगी, जो मुंह खोलकर सफर पर निकले लोगों को निगलने के लिए तैयार रहती हैं। उन गाडि़यों की सेहत भी जांचनी होगी, जिन्हें सड़कों पर दौड़ना होता है और यह भी यकीनी बनाना होगा कि मौत का ऐसा दर्दनाक मंजर किसी लालच या कोताही का नतीजा हरगिज न हो। परिवारवालों को जागना होगा, जिनके बच्चे गाडि़यों में बैठकर ऐसी ही सड़कों से होकर स्कूल आते-जाते हैं। हिमाचल अगर ऐसा कोई जख्म दोबारा नहीं चाहता तो यही वक्त है कि अव्यवस्था को चौराहों पर नंगा किया जाए। हम बच्चों को स्कूल इसलिए भेजते हैं कि उनकी जिंदगी बने, उनका मरा मुंह देखने के लिए नहीं।
मंत्रियों ने जताया दुख
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा यह दुर्घटना अति दुखद है और वह प्रभावित परिजनों के साथ इस दुख की घड़ी में खडे़ हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को राहत-बचाव कार्यों में कोई कसर न छोड़ने व हरसंभव प्रयास करने के लिए कहा गया है। इस दुखद घटना पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद शांता कुमार, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, सांसद अनुराग ठाकुर, वीरेंद्र कश्यप और रामस्वरूप शर्मा सहित सभी पदाधिकारियों ने गहरा शोक प्रकट किया। मृतकों की आत्मिक शांति के लिए प्रदेश पदाधिकारियों ने दो मिनट का मौन भी रखा।
…चार से 12 साल तक के बच्चे
हादसा स्कूल से मात्र तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर हुआ। बस ठेड़ की तरफ जा रही थी। हादसे में मारे गए सभी बच्चों की उम्र चार साल से 12 साल के बीच बताई जा रही है। सभी बच्चे नर्सरी से पांचवीं कक्षा के थे। बाद में एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच चुकी थी, लेकिन तब तक स्थानीय लोगों की मदद से लाशों को सड़क तक पहुंचा दिया गया था।
अमनदीप अस्पताल में तीन की मौत, दो की शिनाख्त नहीं
नौ बच्चे अमनदीप अस्पताल पठानकोट में रैफर किए गए थे, जिनमें तीन बच्चों की मौत हो गई, इनके शव देर रात नूरपुर पहुंचने की उम्मीद है। बस चालक सहित दो शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
मृतकों की सूची
- दिक्षा (11) पुत्री नरेश सिंह
- इशिथा (12) पुत्री विक्रम सिंह
- युवराज (10) पुत्र दिलबाग
- परमीश ठाकुर (4) पुत्र रघुनाथ वीपीओ पुहाड़ा
- कान्हा(4) पुत्र राकेश पठानिया वीपीओ थेड़
- स्नेहा पुत्री अजय सिंह वीपीओ पुहाड़ा
- सारिका पुत्री मनोज पठानिया वीपीओ थेड़
- पलक जम्वाल पुत्री राजेश सिंह वीपीओ पुहाड़ा
- भविष्य जम्वाल पुत्र राघव जम्वाल वीपीओ पुहाड़ा
- हर्ष पठानिया पुत्र . राघव सिंह वीपीओ पुहाड़ा
- तरुण शर्मा पुत्र सुधीर शर्मा वीपीओ ठैहड़
- राजेश कुमार पुत्र हंसराज (शिक्षक) वीपीओ लखनत
- गौरव पठानिया पुत्र केवल सिंह
- मुकुल कश्यप पुत्र राम प्यारा वीपीओ सुल्याली
- कार्तिक पुत्र सुरजीत वीपीओ पुहाड़ा
- प्रणव पुत्र कर्म सिंह वीपीओ पुहाड़ा
- नैतिक पुत्र नरेश वीपीओ पुहाड़ा
- श्रुतिका पुत्री नरेश कुमार
19 जाह्नवी वीपीओ पुहाड़ा
20. रितिका
- शगुन पुत्री गुल्शन कुमार, खनोरा
शवगृह में हर तरफ लाशें
नूरपुर अस्पताल में पहुंचते एक के बाद एक मासूम के शव के चलते अस्पताल का शव गृह पूरी तरह से भर गया था। बताते हैं कि हादसे के कारण कुछ मासूमों की चेहरे इतने खराब हो चुके थे कि उनकी पहचान नहीं की जा रही थी। लाशों की पहचान के लिए टैग लगाए जाने की भी खबर है।
हाल जानने पहुंचे ये
मौके पर डीसी कांगड़ा संदीप कुमार, एसपी संतोष पटियाल, सीएमओ आरएस राणा, एसडीएम नूरपुर आबिद हुसैन सादिक और डीएसपी मेघनाथ चौहान सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया और मंत्री किशन कपूर भी घायलों को हाल जानने और मृतकों के परिजनों को ढाढस बंधाने मौके पर पहुंचे।
हिमाचल में अब तक का सबसे बड़ा स्कूल बस हादसा
प्रदेश की सर्पीली सड़कों पर आए दिन बस हादसे होते रहते हैं। इससे पहले भी कई स्कूल बसों के हादसे हुए हैं, जिनमें जानें भी गई हैं और दर्जनों के हिसाब से बच्चे अपंग भी हुए हैं, लेकिन सोमवार को नूरपुर में हुआ, यह स्कूल बस हादसा आज तक का सबसे बड़ा बस हादसा बताया जा रहा है।
सांसद अनुराग गमगीन
हमीरपुर — सांसद अनुराग ठाकुर ने कांगड़ा के नूरपुर में हुए बस हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों और स्टाफ के प्रति शोक प्रकट किया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि नूरपुर हादसे से स्तब्ध और बहुत ही व्यथित हूं। इतनी बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों और स्टाफ का दुर्घटना में जान गंवाना हृदय विदारक है। प्रभु इस संकट की घड़ी में सबको असीम धैर्य और शक्ति दे, जिससे परिजन इस परिस्थिति का सामना कर सकें। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
आज आएंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री जहां मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाएंगे, वहीं अस्पताल पहुंचकर भी घायलों का कुशलक्षेम जानेंगे।
धूमल के जन्मदिवस संबंधी कार्यक्रम रद्द
धर्मशाला — दर्दनाक बस हादसे के कारण पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर कांगड़ा जिला में आयोजित होने वाले समस्त कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। दस अप्रैल को श्री धूमल का जन्मदिन है, जिसके लिए भाजपाइयों ने विशेष तैयारी कर रखी थी।
सुक्खू ने जताया दुख
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी नूरपुर जिला कांगडा में हुए बस हादसे में मारे गए स्कूली बच्चों के प्रति गहरा दुख प्रकट किया है।
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