निजी स्कूलों की छह बसें जब्त

By: Apr 20th, 2018 12:05 am

रामपुर बुशहर – हादसे से सबक लेना जरूरी है, लेकिन रामपुर में निजी स्कूल प्रबंधन गहरी नींद सोए हुए हैं। नूरपुर में हृदय विदारक सड़क हादसे ने कई मासूमों की जान ले ली। यह हादसा पूरे प्रदेश के निजी स्कूलों के लिए सबक था, लेकिन रामपुर में किसी भी स्कूल ने इस घटना से शायद सबक नहीं लिया। रामपुर प्रशासन और आरटीओ द्वारा चलाए गए अभियान में चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। जहां आरटीओ कृष्णा नेगी ने गुरुवार सुबह रामपुर के प्रतिष्ठित स्कूल डीपीएस में चल रही छह बसों को जब्त कर लिया वहीं, दोपहर को एसडीएम डा. निपुण जिंदल ने डीएवी स्कूल की बसों के कागज जांचे। हैरानी की बात यह रही कि डीएवी के लिए जितनी भी बसें चल रही हैं उनमें कुछ न कुछ खामी पाई गई। कई चालकों के पास तय लाइसेंस नहीं थे तो कई बसों में आवश्यक उपकरण नहीं थे। यहां तक कि कई वाहन बिना इंश्योरेंस के ही चल रहे हैं। आरटीओ ने कहा कि डीपीएस स्कूल के लिए चार सरकारी बसें चल रही थीं, जिसमें स्कूल बस के कोई भी नियम फॉलो नहीं हो रहे थे। इन सभी बसों के चालान काटे गए हैं। वहीं, दो अन्य निजी बसों को जब्त किया गया है। इन बसों के न तो स्कूल परमिट हैं और न ही अन्य कागज हैं। ऐसे में आरटीओ ने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रतिष्ठित स्कूल ही नियमों की सरेआम अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो भी नियमों को फॉलो नहीं कर रहा है, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, दूसरी ओर एसडीएम ने डीएवी स्कूल की बसों को जांचा। उन्होंने भी हैरानी जताते हुए कहा कि इन स्कूलों में भी नियमों को ताक पर रखकर बसों को चलाया जा रहा है। किसी बस के चालक के पास तय लाइसेंस नहीं है तो किसी बस का इंश्योरेस नहीं है। किसी का प्रदूषण जांचा नहीं गया है तो किसी बस में आगजनी को काबू करने वाले यंत्र नहीं लगे हैं। उन्होंने कहा कि जिस भी स्कूल बस को जांचा गया सभी में कुछ न कुछ खामी सामने आई। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को साफ शब्दों में कहा है कि यह अभियान चलता रहेगा। हर दिन नियमों की अवहेलना करने वालों के भारी भरकम चालान काटे जाएंगे। एसडीएम ने अन्य अधिकारियों को भी दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि वे भी स्कूल वाहनों के कागजों को जांचें। किसी भी सूरत में बच्चों पर जोखिम नहीं थोपा जाएगा।

12 किमी का सफर खतरनाक

रामपुर से झाकड़ी स्थित डीपीएस स्कूल के लिए आठ बसें चलती हैं। इन बसों में रामपुर से बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ने जाते हैं। रामपुर से झाकड़ी का सफर खतरनाक है। ऐसे में इस रूट में स्कूल बस को नियमों को दरकिनार करके चलाना कई सवाल खड़े करता है, जबकि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से स्कूल बस के नाम पर अच्छी खासी फीस वसूल रहा है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जगरनाथ ने कहा कि सरकारी बस को स्कूल बस के तहत चलाना मुश्किल है, लेकिन अधिकतर नियमों को पूरा किया जाएगा।

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