पके फलों को अधिक समय तक न रखें पेड़ पर

By: Apr 24th, 2018 12:02 am

गगनदीप सिंह

दिवेंद्र गुप्ता

फल मक्खी टमाटर का मुख्य तथा हानिकारक शत्रु है। इसका प्रकोप टमाटर की पैदावार घटाने के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता पर भी बुरा प्रभाव डालता है, जिसके कारण इसकी व्यापारिक कीमत कम हो जाती है तथा इसके फल मनुष्य के उपभोग के योग्य नहीं रहते। इसीलिए किसानों के लिए समय रहते इसका नियंत्रण करना अनिवार्य हो जाता है, ताकि फसल को फल मक्खी के प्रकोप से बचाया जा सके। फल मक्खी के वयस्क मादा फल पकने के समय दो-चार मि.मी. की गहराई में टमाटर के फलों के अंदर अंडे देती है। कुछ ही दिनों के पश्चात इन अंडों से सुंडियां निकल कर फल के गूदे को खाना प्रारंभ कर देती हैं। इसके साथ ही फल पर विभिन्न प्रकार के जीवाणु तथा फफूंद भी आक्रमण कर देते हैं तथा फल सड़ कर जमीन पर गिर जाते हैं। इसके उपरांत ये सुंडियां फल से निकलकर जमीन में चली जाती हैं तथा वहीं पर अपनी व्यूपा अवस्था गुजारती हैं। कुछ ही दिनों के बाद इनके व्यूपों से वयस्क निकलना आरंभ हो जाते हैं तथा अंडे देने का क्रम फिर से शुरू हो जाता है। फल मक्खी की संख्या में बढ़ोतरी के लिए बरसात का मौसम सर्वाधिक अनुकूल होता है, इसलिए बरसात के मौसम में इसका प्रकोप अधिक होता है। बरसात के बाद इसका प्रकोप कम हो जाता है। यदि इस कीट ने एक बार फल में अंडे दे दिए तो इसकी रोकथाम असंभव सी हो जाती है। अगर समय रहते इसकी रोकथाम के उपाय अपनाए जाएं तो काफी हद तक फल मक्खी के प्रकोप से टमाटर की फसल को बचाया जा सकता है।

फल मक्खी के नियंत्रण के लिए यह अति आवश्यक है कि अंडे देने से पहले ही इसकी रोकथाम हो। इस कीट की रोकथाम के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जा सकते हैं।

  1. फल मक्खी से प्रभावित फलों को तोड़ लें और उन्हें जमीन में दो-तीन फुट की गहराई में दबा दें, ताकि इनकी सुंडियों से वयस्क न बन सकें।
  2. अगेती एवं शीघ्र पकने वाली किस्मों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  3. पके फलों को जितना जल्दी हो सके उन्हें तोड़ लें, ताकि उन्हें फल मक्खी से बचाया जा सके।
  4. वयस्क नरों को आकर्षित करने हेतु क्यो ल्योर आधारित वुडन ब्लाक बोटल पाश काफी प्रभावकारी है।
  5. फल मक्खी की रोकथाम के लिए जहरीले चारे (बेट) का प्रयोग भी उचित रहता है। इसके लिए मेलाथियान (दो मि.ली. प्रति लीटर) तथा गुड़ या चीन (दस ग्राम प्रति लीटर) के मिश्रण को फसल के ऊपर छिड़काव किया जाना चाहिए। छिड़काव के एक सप्ताह तक फल तोड़ें।

अगर किसान भाई उपरोक्त उपायों को उचित ढंग से अपनाते हैं तो टमाटर की फसल में फल मक्खी के द्वारा किए जाने वाले भारी नुकसान से फसल को काफी हद तक बचाया जा सकता है। यदि सभी कृषक सामूहिक तौर पर प्रबंधन के इन तरीकों को अपनाएं तो यह अधिक प्रभावकारी रहेगा।

सौजन्यः डा. राकेश गुप्ता, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, कीट विज्ञान विभाग, डा. यशवंत सिंह परमार, विश्वविद्यालय, नौणी, सोलन (हिमाचल प्रदेश)

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