पीडब्ल्यूडी से आएगा हिमुडा का मुखिया

By: Apr 5th, 2018 12:25 am

हमीरपुर — हिमुडा में चीफ एग्जक्यूटिव आफिसर (सीईओ) की ताजपोशी पीडब्ल्यूडी से होगी। इसके लिए कार्मिक विभाग ने डीपीसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ईएनसी की रेस में शामिल अधिकारियों के नाम डीपीसी में शामिल किए गए हैं। इसके तहत यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार हिमुडा के अधिकारी को सीईओ की बागडोर नहीं सौंपेगी। चार दिन पहले 31 मार्च को इंजीनियर दिनेश कश्यप सीईओ हिमुडा के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने हिमुडा के चीफ इंजीनियर उमेश शर्मा को सीईओ का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। लिहाजा रिक्त हुए सीईओ के पद के लिए कार्मिक विभाग ने डीपीसी बुलाने की कार्रवाई आरंभ कर दी है। बताते चलें कि सीईओ के पद पर ईएनसी रैंक का अधिकारी तैनात किया जाता है। लंबे समय के बाद लोक निर्माण विभाग का कोई अधिकारी सीईओ की कुर्सी पर विराजमान होगा। डीपीसी में तीन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल होंगे। हालांकि इसके लिए आवेदकों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है। अकेले लोक निर्माण विभाग के पांच चीफ इंजीनियर सीईओ हिमुडा के लिए आवेदन कर चुके हैं। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के टॉप पोजिशन के पांच चीफ इंजीनियर अपने पेरेंटल डिपार्टमेंट पीडब्ल्यूडी को छोड़ने को तैयार हैं।  लोक निर्माण विभाग ने ईएनसी के दो पद हैं। जयराम सरकार ने ईएनसी क्वालिटी कंट्रोल के पद को एक्सटेंशन देने पर रोक लगा दी है। कई सालों से यह पद इसी प्रक्रिया से एक्सटेंड किया जा रहा था। लिहाजा 31 मार्च से पहले ईएनसी क्वालिटी कंट्रोल की पोस्ट के लिए एक्सटेंशन मिलना जरूरी थी। मंत्रिमंडल में रेड सिग्नल मिलने के बाद अब विभाग में ईएनसी का एक ही पद रह गया है। इसके चलते ईएनसी की रेस में सबसे वरिष्ठ चीफ इंजीनियर अशोक चौहान ने भी सीईओ हिमुडा के लिए आवेदन कर दिया है। लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर अशोक चौहान की छवि बेमिसाल रही है। वीरभद्र सरकार में भी ईएनसी की कुर्सी के लिए उनका नाम डीपीसी में शामिल था। बावजूद इसके संघ से जुड़ी पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते उन्हें पदोन्नति से वंचित होना पड़ा था। चीफ इंजीनियर शिमला जोन अशोक चौहान दिसंबर, 2018 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। चीफ इंजीनियर धर्मशाला एसके गंजू सितंबर, 2018 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने भी सीईओ हिमुडा के पद के लिए आवेदन किया है। इंजीनियर एसके गंजू को विभाग में मेहनती तथा व्यावहारिक अधिकारी आंका जाता है। विभाग में पोजिशन नंबर थ्री पर तैनात इंजीनियर आरके वर्मा लंबे समय से शिमला में तैनात हैं। उनका सेवा कार्यकाल अभी तक करीब दो साल है। इसके चलते उनका पीडब्ल्यूडी में ईएनसी बनना भी अगले साल तक तय है। बावजूद इसके दिसंबर, 2019 में रिटायर हो रहे इंजीनियर आरके वर्मा ने सीईओ हिमुडा के लिए आवेदन किया है। उनका लंबा कार्यकाल इस पद के लिए प्रबल दावेदारी पेश कर रहा है। चीफ इंजीनियर मंडी जोन इंजीनियर केएस ठाकुर भी इस पद के लिए आवेदन कर चुके हैं। बेहतर प्रबंधन और मंझे हुए अधिकारी की छवि वाले केएस ठाकुर भी इस पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। चीफ इंजीनियर केएस ठाकुर मार्च, 2019 में सेवानिवृत्त होंगे। चीफ इंजीनियर पीएमजेएसवाई अश्विन अबरोल का एक साल का सेवा कार्यकाल है। मार्च, 2019 में रिटायर हो रहे अश्विन अबरोल को भी अनुभवी अधिकारी माना जाता है। बहरहाल राज्य सरकार सीईओ हिमुडा की ताजपोशी का फैसला डीपीसी के आधार पर करेगी।


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