पूर्व मंत्री कोडनानी बरी बजरंग को मामूली राहत

By: Apr 21st, 2018 12:05 am

नरोडा पाटिया नरसंहार मामला

अहमदाबाद— गुजरात हाई कोर्ट ने 2002 के राज्यव्यापी दंगों के दौरान नरोडा पाटिया इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के 97 लोगों को जिंदा जलाए जाने से जुड़े मामले में दोषी करार दी गईं राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा की तत्कालीन विधायक मायाबेन कोडनानी को शुक्रवार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने विशेष अदालत की ओर से 2012 में दोषी करार दिए गए 32 में से 12 लोगों को तो दोषी माना पर अन्य को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इन 32 में से एक की मौत हो चुकी है। निचली अदालत की ओर से बरी किए गए 29 लोगों में से तीन को भी हाई कोर्ट ने दोषी करार दिया। उनकी सजा के बिंदु पर अगले माह अलग से सुनवाई होगी।   हाई कोर्ट ने प्रमुख आरोपी और तत्कालीन बजरंग दल नेता बाबू बजरंगी, प्रकाश राठौड़ और सुरेश लंगड़े को मुख्य आरोपी करार दिया पर उनकी सजा को भी अन्य दोषियों की तरह एक समान 21 साल कर दिया। निचली अदालत ने बजरंगी को मृत्युपर्यंत उम्रकैद की सजा दी थी। गौर हो कि 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे को जलाने की घटना में 59 लोगों की मौत के एक दिन बाद भीड़ की ओर से 97 लोगों को जला कर मार देने से जुड़े नरोडा पाटिया नरसंहार मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की अदालत ने 2012 में नरोडा की तत्कालीन विधायक श्रीमती कोडनानी को 28 साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा बजरंगी को मृत्युपर्यंत उम्रकैद और बाकी 30 दोषियों में से सात को 21 और अन्य को 14 साल की सजा दी थी। एसआईटी के वकील आरसी कोडकर ने बताया कि श्रीमती कोडनानी के खिलाफ गवाही देने वाले 11 गवाहों के बयान में विरोधाभास और एक भी पुलिस गवाह के उनके मौका-ए-वारदात पर मौजूद होने की पुष्टि नहीं करने के चलते अदालत ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अदालत की ओर से दोषी करार दिए गए लोग इस निर्णय की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में 90 दिन के भीतर अपील दायर कर सकते हैं। उधर, पीडि़त पक्ष ने अदालत के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने की बात कही है। अदालत का फैसला लगभग 3000 पन्ने का है। इसी बीच, अदालत के फैसले को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने कहा कि श्रीमती कोडनानी को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के षड्यंत्र के तहत फंसाया गया था। उधर, कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी ने तो भाजपा पर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़यि ने दोषी करार दिए गए आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट में अपील में मदद करने की पेशकश की है। पीडि़त पक्ष ने श्रीमती कोडनानी को बरी किए जाने पर हैरत जताई है।

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