प्राइवेट स्कूलों के लिए बसें चलाए एचआरटीसी

By: Apr 17th, 2018 12:05 am

कांगड़ा जिला के तहत नूरपूर में हुए निजी स्कूली बस के सड़क हादसे के बाद प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। इसके चलते निजी स्कूलों में लगी प्राइवेट गाडि़यों और बिना परमिट की बसों को बंद तो कर दिया गया है, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। अभिभावक वर्ग का कहना है कि एचआरटीसी के पास जो अतिरिक्त बसें बिना रूट के खड़ी हैं, उन्हें बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए लगाना चाहिए। ‘दिव्य हिमाचल’ के इस मसले को लेकर अभिभावकों की राय जानी तो अभिभावकों ने कुछ यूं रखी अपनी रायः

टैक्सी आपरेटर नियमों पर उतरे

अंजना शुक्ला का कहना है कि नूरपुर हादसे को लेकर निजी  स्कूल टैक्सी आपरेटर अब नियमों पर उतर आए है, क्योंकि पहले वे बसों में ठूस-ठूस कर बच्चों को स्कूल ले जाते थे, लेकिन जब से प्रदेश की पुलिस सतर्क हुई है, तब से इन तेज रफ्तार ड्राइवरों के चक्कों की भी रफ्तार कम हुई हैं। शुक्ला का कहना है कि सरकार को निजी बसों के अलावा सरकारी बसों को स्कूलों के लिए प्रयोग करना चाहिए।

एचआरटीसी बसों का प्रबंध हो

योगेश भट्टी का कहना है कि बिलासपुर में हालांकि अभी किसी भी स्कूल बस टै्रक्सियों ने रेट नहीं बढ़ाए हैं, परंतु नूरपुर हादसे के बाद ड्राइवर सारे नियमों के मुताबिक चल रहे है। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द प्रदेश सरकार को बच्चों के लिए एचआरटीसी बसों का प्रबंध करना चाहिए।

नया प्लान करना चाहिए

मुक्ता गुप्ता का कहना है प्रदेश सरकार को ऐसे हादसे रोकने के लिए कोई रणनीति बनानी चाहिए, ताकि स्कूली बच्चों के स्कूल जाने व ले जाने पर पूरी नजर रहे। हालांकि बच्चों के अभिभावक हमेशा बच्चों पर नजर रखते हैं, लेकिन इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार को कुछ नया प्लान करना चाहिए।

एचआरटीसी बसें मांगी

 सीमा सांख्यान का कहना है कि बच्चों के लिए स्कूल जाने के लिए एचआरटीसी बसों का प्रयोग होना चाहिए। क्योंकि प्रदेश सरकार के पास अभी तक भी दर्जनों बसों ऐसी है जो एचआरटीसी की कार्यशाला में खड़ी धूल फांक रही है। इन बसों को स्कूल के लिए प्रयोग में लाया जाना चाहिए।

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