फलों-सब्जियों के लिए गांवों में बनें कोल्ड स्टोरेज

By: Apr 23rd, 2018 12:04 am

नई दिल्ली – कृषि से संबंधित संसद की स्थाई समिति ने तैयार फलों एवं सब्जियों को खराब होने से बचाने के लिए दूरदराज के गांवों में सहकारी क्षेत्र में छोटे स्तर पर कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराने की सिफारिश की है। हुक्मदेव नारायण यादव की अध्यक्षता वाली स्थाई समिति ने हाल ही में पेश एक रिपोर्ट में फलों एवं सब्जियों को नष्ट होने से बचाने के  लिए बड़े स्तर के कोल्ड चेन परियोजनाओं के साथ ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में सहकारिता के माध्यम से छोटे स्तर का कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने की सिफारिश की गई है। एक अध्ययन के अनुसार, कृषि फसलों के तैयार होने के बाद  खाद्यान्न, तिलहन, फलों एवं सब्जियों में चार से 16 प्रतिशत तक का नुकसान होता है, जिसकी कीमत 2014 के मूल्य सूचकांक पर करीब एक लाख करोड़ रुपए सालाना है। इसमें से अधिकांश नुकसान फलों एवं सब्जियों का ही है। कृषि मंत्रालय के नेशनल सेंटर फार कोल्ड चेन डिवेलपमेंट ने देश में केवल फलों एवं सब्जियों के लिए कोल्ड चेन सुविधाओं को लेकर एक अध्ययन कराया था। इसमें कहा गया कि फलों एवं सब्जियों के लिए  तीन करोड़ 51 लाख 662 टन  क्षमता के कोल्ड स्टोरेज की जरूरत है, जबकि देश में इस समय तीन करोड़ 18 लाख 23 हजार 700 टन क्षमता के ही कोल्ड स्टोरेज हैं यानी 32 लाख 77 हजार टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज की कमी है।

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