सड़क पर उतरेंगे मनाली के होटलियर्ज

By: Apr 16th, 2018 12:22 am

कार्रवाई के बाद सरकार को एसोसिएशन की दो टूक, बनाएं वन टाइम पालिसी

मनाली –समर सीजन के शुरुआती दौर में एनजीटी के आदेशों पर होटलियर्ज पर हो रही कार्रवाई से खफा कारोबारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। मनाली होटलियर्ज एसोसिएशन ने सरकार को दो टूक शब्दों में कहा है कि होटलियर्ज के लिए वन टाइम सेटलमेंट पालिसी बनाई जाए। साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि अगर समर सीजन के दौरान होटलियर्ज पर कार्रवाई का दौर नहीं रोका, तो मनाली के सभी होटल बंद कर होटलियर्ज सड़कों पर उतर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे। एसोसिएशन ने स्थानीय विधायक व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को ज्ञापन भी सौंपा है। मनाली होटलियर्ज एसोसिएशन के प्रधान गजेंद्र ठाकुर का कहना है कि पर्यटन विभाग के  पास 592 होटल मनाली के पंजीकृत हैं।  तीन महीने से लगातार एनजीटी के आदेशों पर हो रही कार्रवाई से जहां मनाली का हर दूसरा होटल जांच के दायरे में आ गया है, वहीं अब यह मामला और गंभीर हो गया है। समर सीजन की शुरुआत में भी होटलियर्ज पर कार्रवाई का दौर जारी है, जबकि मनाली का कारोबार समर सीजन पर ही निर्भर करता है। एसोसिएशन की सरकार से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन एसोसिएशन बस इतना आग्रह कर रही है कि समर सीजन के दौरान होटल संचालकों पर किसी भी तरह की कार्रवाई न की जाए। उनका कहना है कि जब से एनजीटी ने आदेश पारित किए हैं, तब से मनाली के 50 होटलों के बिजली-पानी के कनेक्शन काटे जा चुके हैं। हाल ही में इस कार्रवाई की जद में नौ और होटल आए हैं। एसोसिएशन सरकार से मांग कर रही है कि होटलियर्ज के लिए वन टाइम सेटलमेंट पालिसी बनाई जाए, ताकि होटलियर्ज को कारोबार करने में कोई परेशानी न हो। अगर सरकार ने समर सीजन में किसी भी होटल पर कार्रवाई की तो एसोसिएशन जहां मनाली के सभी होटल बंद कर देगी, वहीं स्टाफ को भी छुट्टी दे देगी। समर सीजन में मनाली घूमने आने वाले सैलानियों को इस दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

समर सीजन पर असर

एनजीटी की कार्रवाई से होटलियर्ज में मचे हड़कंप का असर अब समर सीजन पर भी दिखने लगा है। मनाली में जहां सैलानियों को ठहरने के लिए 592 होटलों में सुविधा मिल रही थी, वहीं 50 के बिजली-पानी के कनेक्शन कटने से सैलानियों को 542 होटलों में ही रहने की सुविधा मिल रही है।

42 होटलों पर हैं ताले

एनजीटी के आदेशों के बाद प्रशासन की ज्वाइंट कमेटी ने सबसे पहले जिला के कसोल में कार्रवाई करते हुए 42 होटल सील किए थे, जो आज भी बंद पड़े हैं। कुल्लू में भी आठ होटल संचालकों के दस्तावेजों व विभिन्न विभागों के नियमों पर खरा न उतर पाने पर उन पर भी कार्रवाई की गई थी।

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