समसामयिकी : राष्ट्रमंडल खेलें

By: Apr 18th, 2018 12:10 am

गोल्ड कोस्ट में हुए 21वें कॉमन वैल्थ खेलों के आखिरी और 10वें दिन भारत पर मानो स्वर्ण पदकों की बरसात सी ही हो गई। शनिवार को भारत ने कुल मिलाकर आठ स्वर्ण पदकों पर कब्जा किया। स्वर्ण पदक की इस बारिश के बीच एथलेटिक्स की भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। नीरज चोपड़ा खेलों के इतिहास में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं खेलों के नौवें दिन के शाम के सेशन में मुक्केबाजी में विकास कृष्ण, महिला टीटी में सिंगल्स में मनिका बत्रा, कुश्ती में सुमित मलिक और विनेश फोगाट ने स्वर्ण पदक दिलाए, तो शनिवार सुबह बॉक्सिंग में स्टार मैरीकॉम और गौरव सोलंकी ने भी सोने पर मुक्का जड़ा। इसके अलावा सुबह के सेशन में शूटिंग में संजीव राजपूत ने भी सोने पर निशाना साधा। मुक्केबाजी में सतीश कुमार, अमित पंघाल और मनीष कौशिक को अपने-अपने भार वर्ग में रजत पदक मिले, तो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और सोमवीर भी कांस्य झटकने में कामयाब रहे हैं। इसके अलावा बैडमिंटन में महिला डबल्स टीम और टीटी में पुरुष डबल्स टीम को हार के साथ ही रजत से संतोष करना पड़ा, तो इस वर्ग का कांस्य भी भारत को मिला। टेबल टेनिस के सिंगल्स के पुरुष वर्ग में भारत स्टार खिलाड़ी अचंत शरत कमल सेमीफाइनल में हार गए। भारत के नौवें दिन का आखिरी पदक मुक्केबाज सतीश कुमार की फाइनल में हार के साथ रजत के रूप में आया। इसी के साथ खेल के नौवें दिन भारत के पदकों की संख्या 59 हो गई। इसमें 25 स्वर्ण, 16 रजत और 18 कांस्य पदक शामिल हैं। शाम के सेशन में भारत के विकास कृष्ण ने शनिवार को 75 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। विकास ने फाइनल मुकाबले में कैमरून के दियूदोन विल्फ्रे सेयी को 5-0 से हराया। विकास ने शनिवार को बॉक्सिंग में भारत को तीसरा स्वर्ण दिलाया, इससे पहले सुबह एमसी मैरीकॉम और गौरव सोलंकी ने स्वर्ण जीता था। नौवें दिन के आखिरी मुकाबले में सतीश कुमार 91 किग्रा भार वर्ग में इंग्लैंड के फ्रेजर क्लार्क से 5-0 से हार गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। सुबह के सेशन में मैरीकॉम ने शनिवार को महिला मुक्केबाजी की 45-48 किलोग्राम भार वर्ग की स्पर्धा का स्वर्ण अपने नाम कर लिया है। इस दिग्गज मुक्केबाज ने फाइनल में इंग्लैंड की क्रिस्टिना ओ हारा को 5-0 से मात देकर पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल किया।

एच 1- बी वीजा

एच-1बी इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 101 (ए)(15)(एच) के अंतर्गत संयुक्त राज्य अमरीका में एक गैर-अप्रवासी वीजा है। यह अमरीकी नियोक्ताओं को विशेषतापूर्ण व्यवसायों में अस्थायी तौर पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। यदि एच-1बी दर्जे वाला कोई विदेशी कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है या उसे उसके प्रायोजक नियोक्ता द्वारा निलंबित कर दिया जाता है, तो कर्मचारी को या तो किसी अन्य गैर-अप्रवासी दर्जे में परिवर्तन के लिए आवेदन करना चाहिए व इसकी अनुमति प्राप्त करनी चाहिए, किसी अन्य नियोक्ता को ढूंढना चाहिए (दर्जे तथा/या वीजा के परिवर्तन के समायोजन के आवेदन के आधार पर) अथवा संयुक्त राज्य अमरीका से बाहर चले जाना चाहिए। एच1-बी वीजा कार्यक्रम में बड़े बदलाव लाने संबंधी विधेयक को दो सांसदों ने अमरीकी कांग्रेस में फिर पेश किया है। एच1-बी वीजा के जरिये भारत और अन्य देशों के कुशल पेशेवर अमरीकी में उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों में नौकरी करते हैं। इन सांसदों का कहना है कि इससे कार्य वीजा के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी। रिपब्लिकन डैरेल इसा तथा स्कॉट पीटर्स ने ‘प्रोटेक्ट एंड ग्रो अमरीकन जॉब्स एक्ट’ विधेयक दोबारा पेश किया है। इसमें एच1-बी वीजा के लिए पात्रता के महत्त्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव है। अमरीकी संसद के निचले सदन की भारत-अमरीकी परामर्श परिषद (आईएसीसी)ने कहा है कि यदि आव्रजन विधेयक कानून का रूप ले लेता है, तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को सालाना 30 अरब डालर का नुकसान होगा। इससे आईटी उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होगा। इस विधेयक में एच1-बी वीजा का न्यूनतम वेतन 1,00,000 डॉलर सालाना तथा मास्टर डिग्री की छूट को समाप्त करने का प्रस्ताव है। इन सांसदों का कहना है कि इस विधेयक से एच1-बी वीजा का दुरुपयोग रोका जा सकेगा और इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि नौकरियां दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को उपलब्ध हों। कई कंपनियों मसलन डिज्नी, सोकाल एडिसन तथा अन्य पर एच1-बी वीजा कार्यक्रम के दुरुपयोग तथा अमरीकी पेशेवरों के स्थान पर विदेशियों की नियुक्तियों का आरोप लग रहा है, जिसके बाद यह विधेयक पेश किया गया है। ज्यादातर भारतीय आईटी पेशेवर एच1-बी या एल1 वीजा पर काम कर रहे हैं। एच1बी वीजा अमरीकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति की अनुमति देता है और एल1 एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के अधिकारी को एक कर्मचारी का स्थानांतरण उसी कंपनी की अमरीकी शाखा या फ्रेंचाइजी में करने की अनुमति देता है। विधेयक में एच1-बी और एल1 वीजाधारकों को भेजे जाने की सीमा तय की गई है। इसके तहत किसी कंपनी के अमरीका स्थित कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक संख्या में ऐसे वीजा के तहत कर्मियों को नहीं भेजा जा सकेगा।

साप्ताहिक घटनाक्रम

  • हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल विष्णु सदाशिव कोकजे को विश्व हिंदू परिषद(विहिप) का नया अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। कोकजे की ताजपोशी से प्रवीण तोगडि़या को तगड़ा झटका लगा है।
  • भक्त अब अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के समक्ष भी भक्तिमय होकर जयकारा लगा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण(एनजीटी) के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें गुफा को ध्वनि मुक्त क्षेत्र (साइलेंस जोन) घोषित किया गया था।
  • कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पीएफ क्लेम करने के अपने ही फैसले से यू टर्न लेते हुए कुछ नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अब 10 लाख रुपए से अधिक का पीएफ क्लेम करने के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ ऑफलाइन क्लेम भी स्वीकार किए जाएंगे। ईपीएफओ ने यह फैसला ऑनलाइन क्लेम फाइल करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए लिया है।
  • इस वित्त वर्ष कर्मचारियों के वेतन में नौ से 12 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। माना जा रहा है कि नियुक्तियों की रफ्तार बढ़ने से कंपनियों के ऊपर अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को बरकरार रखने का दबाव है। इस वजह से ऐसा हो सकता है।
  • बांगला देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि उन्होंने सरकारी सेवाओं में आरक्षण प्रणाली को खत्म करने का फैसला किया है।
  • स्काईमेट के बाद भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है।

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