53 साल से नहीं हारा एक भी चुनाव

By: Apr 13th, 2018 12:04 am

उनकी राजनीतिक यात्रा 1965 में शुरू हुई थी और तब से लेकर आज तक एक भी चुनाव में उन्हें शिकस्त नहीं झेलनी पड़ी। पश्चिम बंगाल के दासपुर से ताल्लुक रखने वाले 83 साल के गोपाल चंद्र नंदी अपने 53 साल के राजनीतिक करियर में अपराजित रहे। वह इस बार भी पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर मुकाबला करते नजर आएंगे लेकिन उन्हें यकीन है कि हमेशा की तरह इस बार भी जीत उन्हीं की होगी। तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार गोपाल नंदी इस बार दासपुर ब्लॉक एक में नंदनपुर ग्राम पंचायत से गोविंद नगर से चुनाव लड़ रहे हैं। नंदी ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस के साथ शुरू किया। इसके बाद उन्होंने ममता की तृणमूल से खुद को जोड़ लिया। इसे आप उनकी लोकप्रियता का असर कहें या जनता के दिलों में उनके लिए प्यार और सम्मान, प. बंगाल में 34 साल तक लेफ्ट के शासन के बाद भी नंदी को चुनाव में कोई हरा नहीं पाया। उन्हें 25 साल तक पंचायत का सदस्य रहने पर केंद्र सरकार ने प्रमाण पत्र भी दिया। गोपाल चंद्र ने अपने पिता हरिपद नंदी के साथ महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था और बस तभी से उन्हें राजनीति का चस्का लग गया। इसके बाद बिधान चंद्र रॉय और अजय मुखर्जी जैसे प्रसिद्ध राजनेताओं के नेतृत्व में उन्होंने राजनीति में अपनी यात्रा शुरू की। गोपाल नंदी के सामने इस सीट सीपीएम के उम्मीदवार प्रदीप पईन खड़े हैं। प्रदीप कहते हैं कि वह ईमानदार हैं लेकिन लोगों के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। वहीं गोपाल चंद्र नंदी का कहना है कि मैंने हमेशा लोगों के लिए खड़े होने की कोशिश की है। वह भी मुझसे प्यार करते हैं। मुझे विश्वास है कि इस बार भी मैं नहीं हारूंगा।

पंचायत चुनाव में 16 अप्रैल तक रोक

कोलकाता हाईंकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में हो रहे पंचायत चुनाव पर 16 अप्रैल तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह कोर्ट के समक्ष तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करे। कोर्ट ने रिपोर्ट प्रस्तुत होने तक सारी चुनाव संबंधी प्रक्रियाओं पर कोर्ट ने रोक लगा दी है जिनमें नाम वापसी और स्क्रूटनी प्रक्रिया भी शामिल है।

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