अदालत में होगा सचेतक पर फैसला

By: May 24th, 2018 12:01 am

शिमला— सरकार द्वारा मुख्य सचेतक व उप-सचेतक की नियुक्ति को लेकर विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। स्वयंसेवी संस्था सिटीजन राइट प्रोटेक्शन फोरम के अध्यक्ष देशबंधू सूद ने सरकार को मुख्य सचेतक व उप-सचेतक के पद सृजत करने पर चेतावनी दी है। साथ ही उन्होंने सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के संविधान की धारा 164 में किए गए संशोधन की याद दिलाई। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने यह प्रावधान किया था कि विधानसभा या लोकसभा की कुल संख्या का 15 प्रतिशत ही मंत्रिमंडल में लिया जाएगा और आज तक देश व प्रदेश की सभी सरकारें इसका अनुसरण करती आई हैं। उन्होंने कहा कि अपने चहेतों को लाभ के पद देने के साथ वर्तमान सरकार या पूर्व की सरकारें कई तरह के तरीके खोजती आई हैं। देशबंधू ने कहा कि वर्ष 2005 में सिटीजन राइट प्रोटेक्शन फोरम ने हिमाचल सरकार के सीपीएस व पीएस की नियुक्ति को  उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिमसें  उच्च न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से सीपीएस और पीएस को बर्खास्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी खजाने पर करोड़ों रुपए सलाना का बोझ पड़ेगा और जनता के पैसे की बर्बादी होगी। देशबंधू ने कहा कि सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने के लिए फोरम देश व प्रदेश के संविधान के जानकारों और वकीलों से सलाह-मशविरा कर रहा है।

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