ग्रामीण पर्यटन से संवरेगा प्रदेश का भविष्य

By: May 22nd, 2018 12:05 am

प्रदीप शर्मा

लेखक, जवाली, कांगड़ा से हैं

जबकि ज्यादा संभावनाओं वाले देशी और स्थानीय पर्यटन की उपेक्षा होती रहती है। बढ़ते ग्रामीण पर्यटन का सबसे महत्त्वपूर्ण प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। ग्रामीण भारत में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के साथ लोगों के बीच व्यापार का स्तर बढ़ने से उनकी आय का स्तर भी बढ़ेगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे…

आज की रफ्तार भरी व बड़ी-बड़ी इमारतों और शोर-शराबे, भागदौड़ भरी जिंदगी में इनसान मशीनों की कठपुतली बन कर रह गया है, इसलिए जीवन में सुकून का महत्त्व आज के जीवन में बहुत बढ़ गया है। लोग इस शोर से थोड़ा दूर आना चाहते हैं। ग्रामीण पर्यटन इसके लिए उपयुक्त जगह है। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहरें ‘पर्यटन, रोजगार’ सृजन और विकास के व्यापक अवसर प्रदान करती हैं। कोई भी ऐसा पर्यटन जो ग्रामीण जीवन, कला, संस्कृति और ग्रामीण स्थलों की धरोहर को दर्शाता हो, जिससे स्थानीय समुदाय को आर्थिक और सामाजिक लाभ पहुंचता हो, साथ ही पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच संवाद से पर्यटन अनुभव के अधिक समृद्ध बनने की संभावना हो, तो उसे ‘ग्रामीण पर्यटन’ कहा जा सकता है।  ग्रामीण पर्यटन एक ऐसी गतिविधि है, जो देश के देहाती इलाकों में संचालित होती है। यह बहुआयामी है, जिसमें कृषि, पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, प्रकृतिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन और पर्यावरण पर्यटन शामिल हैं। परंपरागत पर्यटन के विपरीत ग्रामीण पर्यटन की कुछ खास विशेषताएं हैं, जैसे-यह अनुभवान्मुखी होता है, इसके पर्यटक स्थलों पर आबादी बिखरी हुई होती है, इसमें प्राकृतिक जीवन शैली व प्राकृतिक वातावरण की प्रमुखता होती है।

यह त्योहारों और स्थानीय उत्सवों से सराबोर होता है। विडंबना है कि जब भी पर्यटन की चर्चा चलती है, तब अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पर ही ज्यादा जोर दिया जाता है, जबकि ज्यादा संभावनाओं वाले देशी और स्थानीय पर्यटन की उपेक्षा होती रहती है। बढ़ते ग्रामीण पर्यटन का सबसे महत्त्वपूर्ण प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। ग्रामीण भारत में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के साथ लोगों के बीच व्यापार का स्तर बढ़ने से उनकी आय का स्तर भी बढ़ेगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। पर्यटन के माध्यम से पर्यटकों को स्थानीय लोगों से तैयार उत्पाद सीधे खरीदने का लाभ प्राप्त होता है। इसका समूची अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पर्यटकों के साथ विचारों के आदान-प्रदान से ग्रामीण लोगों में नए विचार सृजित होंगे। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, आधुनिक उपकरणों आदि के प्रति लोगों की रूचि बढ़ेगी। इससे साक्षरता का सर्वत्र प्रसार करने में भी मदद मिलेगी। अधिकाधिक पर्यटकों द्वारा गांवों की यात्रा करने से सड़कों के माध्यम से संपर्क में सुधार आएगा और सार्वजनिक परिवहन में बढ़ोतरी होगी।

अभयारण्यों और सुरक्षित उद्यानों के निकट रहने वाले ग्रामीण अपने शहरी सहभागियों को पकृति के संरक्षण की शिक्षा दे सकते हैं। सदियों से प्रकृति की शरण में रहने के कारण उन्हें प्रकृति के संरक्षण के तौर-तरीकों की जानकारी निश्चित रूप से अधिक होती है।। गांव में बहुत सारे स्थान ऐसे हैं, जो बहुत सुंदर होते हैं, परंतु प्रशासन की अनदेखी की वजह से विकसित नहीं हो पाते हैं। हिमाचल में बहुत सुंदर गांव हैं, बहुत सुंदर वादियां, घाटियां हैं, कहीं पर तो उन स्थलों के लिए कुछ करने की भी जरूरत नहीं है। बस पर्यटकों का मार्गदर्शन हो और पहुंचने की व्यवस्था हो। विदेशी पर्यटक स्थानीय धार्मिक स्थलों और परंपरागत अनुष्ठानों में बहुत रूचि रखते हैं। ग्रामीण पर्यटन कृषि, खेती, स्थानीय शासन आदि के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद करता है। ग्रामीण पर्यटन ग्रामीण जीवनशैली के बारे में ऐसे भ्रम दूर करने में सहायक है, जो सामान्यतः शहरी लोगों को होते हैं, जैसे-ग्रामीण लोगों का अस्वास्थ्य वातावरण में रहना या ग्रामीण जीवन असुरक्षित होना आदि। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने से जहां एक ओर विश्व की विभिन्न संस्कृतियों के समागम का अवसर उपलब्ध होगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के अंतर्मन में अपनी संस्कृति, आचार-विचार और राष्ट्रीय संसाधनों के प्रति जागरूकता बढे़गी। साथ ही ‘जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयषी’ की भावना बढ़ेगी। जिससे ग्रामीण विस्थापन व ग्रामीण प्रवास रोकने में मदद मिलेगी। ग्रामीण पर्यटन से प्रति व्यक्ति आय बढ़ने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की बेरोजगारी को भी रोकने में मदद मिलेगी। महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और राजस्थान में ग्रामीण पर्यटन को ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाते हुए नए पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। ‘नई राहें, नई मंजिलें’ प्रदेश सरकार ने बहुत अच्छी योजना शुरू की है।

प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। 2016 के मुकाबले पर्यटकों के आगमन में 2017 में 6.25 फीसदी की वृद्धि हुई है। भारत के पर्यटक ज्यादातर पर्यटन स्थानों पर ही जाना पसंद करते हैं, परंतु विदेशी पर्यटक भारत की संस्कृति की झलक भी लेना चाहते हैं, ऐसे में ग्रामीण पर्यटन सांस्कृतिक झलक के साथ-साथ भारत के सुदूर भागों में व्याप्त विविधता की खोज करने का अवसर भी प्रदान करता है।

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