घोर लापरवाही का परिणाम

By: May 7th, 2018 12:07 am

राकेश शर्मा

लेखक, ऊना से हैं

बीती 1 मई, मंगलवार को जब पूरा विश्व मजदूर दिवस मना रहा था, तब  हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कसौली से दिल दहलाने वाली खबर आई। एक होटल के द्वारा किए गए अवैध निर्माण को गिराने पूरे लाव-लश्कर के साथ मोके पर पहुंची टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की महिला अधिकारी शैल बाला शर्मा की सरेआम हत्या हो जाती है और इस कार्य में उनके साथ गया एक मजदूर गुलाब सिंह गोली लगने से बुरी तरह से घायल हो जाता है। लोक निर्माण विभाग का एक कर्मचारी इस घटना में बाल-बाल बच जाता  है। वहां पर उपस्थित सारे लोगों, जिसमें उनकी रक्षा के लिए तैनात की गई पुलिस भी शामिल थी, के सामने कातिल अपनी रिवाल्वर निकाल कर गोलियां चलाता रहा और अधिकारी की हत्या करके मौके से फरार भी हो जाता है। सुबह से स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच चल रही तनातनी से माहौल काफी तनावपूर्ण हो चुका था।

कातिल विजय द्वारा धमकी देने के बावजूद पुलिस सतर्कता नहीं बरत सकी। यहां यह भी बात ध्यान देने वाली है कि समय रहते पुलिस के द्वारा धारा 144 क्यों नहीं लगाई गई? कई दिनों से उलझे इस मामले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए शायद पूरी तरह होमवर्क नहीं किया गया था। जिस तरह से महिला अधिकारी को भगा-भगा कर तीन-चार गोलियां कातिल द्वारा चलाई गईं, उससे इस घटना की निर्ममता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पुलिस कातिल विजय कुमार को मौके पर गिरफ्तार नहीं कर सकी, यह बहुत ही शर्मनाक है। गोलियां चलाने वाला कोई हिस्ट्री शीटर नहीं था, थोड़ी सी मुस्तैदी से उसको कत्ल करने से रोका जा सकता था। अगर जनता को ही सब कुछ करना है, तो पुलिस की जरूरत ही क्या है?

अधिकारी की सुरक्षा के लिए जो पुलिस तैनात की गई थी, उस पुलिस ने अपनी ड्यूटी को कितनी जिम्मेदारी से निभाया, ये पूरे देश के सामने है। वहां पर मौजूद पुलिस कर्मियों को आपात स्थिति से निपटने के लिए क्या-क्या निर्देश उनके अधिकारियों द्वारा दिए गए थे और उन आदेशों के पालन के लिए क्या सुविधाएं अधिकारियों द्वारा उनको मुहैया करवाई गई थी, इनका पुनरावलोकन भी बहुत जरूरी है। ये सत्य है कि निहत्थी पुलिस एक हथियारबंद व्यक्ति का सामना नहीं कर सकती, लेकिन न तो पुलिस के पास हथियारों की कमी है और न ही कातिल ने पहुंचते ही टीम पर हमला कर दिया। ये भी संभव नहीं है कि पुलिस को ये जानकारी न हो कि यहां पर कौन से व्यक्ति के पास लाइसेंसशुदा रिवाल्वर है। ये एक बिना तैयारी के किया गया कार्य था, जिसकी कीमत एक सरकारी अधिकारी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। सरकारी  कर्मचारी अपना काम सरकार के निर्देश पर करते हैं और ये महिला अधिकारी भी माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देशों पर सरकार के आदेशों से ही अवैध निर्माण को तुड़वाने गई थी। अगर सरकारी आदेशों को लागू करवाने के लिए इस तरह से अधिकारियों को अपनी जान गंवानी पड़े, तो ये बहुत ही दुखदायी है और हमारे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाता है। मृत महिला अधिकारी की हत्या के बाद जिस तरीके से कातिल और अधिकारी के बीच वार्तालाप के वीडियो आ रहे हैं, उनको देखकर लगता है कि जब पुलिस को दखल देने की जरूरत थी, तब वह मूकदर्शक बनी रही।  इस घटना का संज्ञान भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा लिया गया, जो कि इस मामले की गंभीरता को परिभाषित करता है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार को ये कहकर फटकार लगाई गई कि क्या अब सुप्रीम कोर्ट को आर्डर देने बंद कर देने चाहिए? यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा संज्ञान लेने के दूसरे ही दिन इस केस की सुनवाई करवाना इस केस के प्रति माननीय सुप्रीम कोर्ट की संवेदनशीलता को दर्शाता है। हालांकि कातिल को तीसरे दिन उत्तर प्रदेश के वृंदावन से उसकी मोबाइल लोकेशन के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया था। हिमाचल पुलिस की कार्यप्रणाली इससे पहले भी बिटिया प्रकरण में संदेह के घेरे में आ चुकी है। वन रक्षक होशियार सिंह के मामले में भी पुलिस कुछ नहीं कर पाई थी। पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली पर दोबारा से चिंतन करने की जरूरत है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो पुलिस को जनता का विश्वास पाना मुश्किल हो जाएगा। अवैध खनन और अवैध निर्माणों की बलि चढ़ते अधिकारियों और पत्रकारों की खबरें पहले उत्तर प्रदेश या बिहार से पढ़ने को मिलती थीं, परंतु पिछले कुछ समय से हिमाचल में ऐसी घटनाओं के बढ़ने से प्रदेश की छवि को धक्का लगा है। इन घटनाओं के ऊपर समय रहते नियंत्रण करने की आवश्यकता है। प्रतिदिन बढ़ती बलात्कार की घटनाओं से भी प्रदेश शर्मसार हो रहा है। समाज में आ रहे इन परिवर्तनों को गहराई से समझने की जरूरत है। सभी प्रदेशवासियों को प्रदेश की साख को बचाए रखने के लिए इस विषय को गंभीरता से लेते हुए, आने वाली पीढ़ी को इन बुराइयों से दूर रखने के लिए दिल से प्रयत्न करने की आवश्यकता है। सबसे जरूरी बात यह है कि पुलिस अपनी कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए गंभीर चिंतन करे।

अपने सपनों के जीवनसंगी को ढूँढिये भारत  मैट्रिमोनी पर – निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App