चारों ओर धुएं से घिरा दाड़लाघाट

By: May 25th, 2018 12:07 am

दाड़लाघाट – वनों की आग ने अर्की क्षेत्र में पिछले कई दिन से तबाही मचा रखी है इन जंगलों में बाड़ीधार के जंगल, कांगरी धार सेंचुरी एरिया के जंगल, कंस्वाला सरङमरास के जंगल, शिवनगर दाती, समाणा ठेरा, शीलघाट, सभी जंगल इस बार जलकर स्वाहिली हो चुके हैं जिस से लाखों वन प्राणियों कीट पतंगों व पक्षियों को अपनी जान खोनी  पड़ी है। पक्षियों के हजारों घोंसलें जल कर राख हो गए साथ में आग इन घोंसलों व पेड़ों के खोल में पल रहे नन्हे  चुजों व अंडों को भी स्वाह कर गई। वनों की इस अग्नि तांडव  पर नेचर लविंग डिवेलपमेंट सोसायटी धारठ तहसील अर्की व  सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति सरयॉज ने चिंता व्यक्त की है, नेचर लविंग डिवेलपमेंट सोसायटी धारठ की सचिव अधिवक्ता शितांशु ठाकुर ने बताया कि अर्की उपमंडल में पिछले एक सप्ताह में दर्जनों जंगल आग की भेंट चढ़ गए और लाखों कीट पतंगों पशु पक्षियों व उनके बच्चों को स्वाह कर दिया। नेचर लविंग डिवेलपमेंट सोसायटी की सचिव अधिवक्ता शितांशु ठाकुर ने  बताया कि इस क्षेत्र में यदि वनों में लगी आग का बारिकी से निरीक्षण किया जाए तो पता चलता है कि यह आग आम लोगों के थेड़ी सी लापरवाही के कारण जंगलों को स्वाह कर गई और यह आग ज्यादातर चीड़ के जंगलों में ही अनियंत्रित हुई, जबकि बान व देवदार के वन इससे बच गए हैं।  अधिवक्ता शिताशु ठाकुर ने बताया कि इन वनों में  चीड की पतियां आग को नियंत्रित होने नहीं देती और इस कार्य में लगे लोगों को सोचने की जरूरत है कि चीड के वनों को किस तरह आग से बचाया जा सके। उन्होंने बतया कि बाडी घार में  कोटला वन जो चीड का ही वन है, शिलडू जंगल के साथ आलू फार्म के साथ बना चीड का वन भी आग ने पूरी तरह लील लिया, इस तरह से दर्जनों वन आग की भेंट चढ़ गए। उन्होंने मांग की है कि पर्यावरण विद् इस बारे में चिंतन करें और वन विभाग जो हर साल करोडों रुपए का बजट इस कार्य के लिए खर्च कर रहा है आग से होने वाले पर्यावरण के नुकसान की भरपाई के लिए कोई ठोस व्यवस्था की जा सके। सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण सभा के  अध्यक्ष नंदलाल वर्मा ठाकुर, महा सचिव परस राम वर्मा तथा देवी चंद ने बताया कि अर्की के कई वनों के जलने से जहां वन संपदा का नुकसान हुआ है, लहलहाते पेड़ों को आग ने अपना ग्रास बना लिया, वहीं वन्य जीवों के लिए भी यह आग अभिशाप बन कर बरपी। उन्होंने लोगों से भी वनों को आग से बचाने के लिए सहयोग करने की गुहार लगाई है।  इन संस्थाओ के सदस्यों ने सरकार से गुहार लगाई है कि वनों के प्रति जन सहयोग को बढ़ावा दिया जाए ग्रामीणों को वनों से होने वाले लाभों से वंचित न किया जाए, जिससे लोग इन वनों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करने में भी रूचि लें।

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