पानी को मारामारी, मुख्यमंत्री ने जगाए अधिकारी

By: May 28th, 2018 12:10 am

आपात बैठक में पूछा,  शिमला में रोजाना 20 एमएलडी पानी आ रहा तो जा कहां रहा

शिमला – हिमाचल भर में पानी की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को अपने आवास पर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। इसमें शिमला समेत पूरे प्रदेश की स्थिति पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों द्वारा दिए गए आंकड़ों पर हैरानी जताते हुए कहा कि शिमला शहर में 20 एमएलडी पानी रोजाना आ रहा है तो यह पानी जा कहां रहा है। उन्होंने यहां पानी के वितरण की खामियों को दूर करने के लिए कहा। साथ ही प्रदेश में टैंकरों से पानी की सप्लाई को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाई गई इस बैठक में मुख्य सचिव विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के सचिव  देवेश कुमार और शिमला नगर निगम के आयुक्त रोहित जम्वाल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने शिमला में जलापूर्ति को सुचारू कर लोगों को शीघ्र राहत देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी को भी पानी की कमी का सामना न करना पड़े तथा सभी क्षेत्रों में एक समान जलापूर्ति उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने पानी के रिसाव को रोकने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। जयराम ठाकुर ने नगर निगम शिमला के आयुक्त रोहित जम्वाल को निर्देश दिए कि पानी के टैंकरों के माध्यम से, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की काफी कमी है, में प्राथमिकता के आधार पर पानी उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि पानी के टैंकरों की कमी सामने आती है तो अतिरिक्त पानी के टैंकरों की व्यवस्था भी की जाए। इसके साथ राज्य के उन जिलों में जहां पर पानी की कमी पेश आ रही है, वहां भी पानी के टैंकरों से सप्लाई करने को कहा गया है। बताया जाता है कि इसके लिए आईपीएच विभाग ने टेंडर कर दिए हैं और कई जगहों पर टैंकरों के माध्यम से पानी का वितरण शुरू कर दिया गया है। साथ ही सोमवार को भी कई जगह टैंडर खुलेंगे, जिससे वहां पर पानी के टैंकरों से सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में कूहलों के माध्यम से पेयजल स्रोतों को पानी से जोड़ने के लिए कहा, वहीं बोरवैल से भी पानी की उपलब्धता के लिए कहा है। इस पर आईपीएच विभाग ने विभिन्न जिलों में काम भी शुरू कर दिया है। बता दें कि विभाग की बड़ी संख्या में पेयजल स्कीमें प्रभावित हैं। ऐसी कई योजनाएं हैं, जोकि पूरी तरह से सूख ही चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने पानी को लेकर मॉनीटरिंग की प्रक्रिया को चुस्त करने को कहा है।

जिलों में सूखी योजनाएं ( % में)

जिला      100%   75%      50%      25%

शिमला    110       63         40         19

सोलन     32         14         65         28

सिरमौर    20         36         08         18

ऊना       05         38         19         0

मंडी       123        87         40         32

कुल्लू      44         22         09         शून्य

बिलासपुर 42         12         शून्य       शून्य

कांगड़ा    64         08         02         01

हमीरपुर   07         01         शून्य       शून्य

लाहुल-स्पीति03      01         शून्य       शून्य

किन्नौर    02         02         01         शून्य

चंबा       शून्य       शून्य       शून्य       शून्य

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