पेयजल आपूर्ति सुधारने पर हाई कोर्ट में सुनवाई आज

By: May 25th, 2018 12:05 am

शिमला— शिमला शहर सहित प्रदेश भर में पेयजल की खराब स्थिति से निपटने के मामले में 25 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले पर गुरुवार को हाई कोर्ट में आईपीएच विभाग ने शपथ पत्र दायर कर विभागीय स्कीमों की जानकारी दी। इसमें कहा गया कि प्रदेश भर में 268 पेयजल स्कीमों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 398 करोड़ 70 लाख की आवश्यकता है। बताते चलें कि शिमला शहर के साथ-साथ प्रदेश भर में पीने के पानी की कमी होने के मामले में प्रदेश हाई कोर्ट गंभीर है। हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई प्रतिदिन हो रही है। गुरुवार को हाई कोर्ट ने इस मामले में नाबार्ड को अतिरिक्त प्रतिवादी बनाते हुए मामले की सुनवाई शुक्रवार 25 मई को निर्धारित की गई है। इस मामले में पेयजल एवं सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया कि प्रदेश भर में कुल 268 ऐसी पेयजल स्कीमे हैं, जिनको पूरा करने के लिए 398.70 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इसके अलावा अदालत को बताया गया कि 298.25 करोड़ की लागत से बनने वाली 123 स्कीमों की डीपीआर तैयार कर दी गई है, जोकि विभाग के पास विचाराधीन है। अदालत को बताया गया कि प्रदेश भर में कुल 1421 पेयजल परियोजनाओं के जीर्णोद्धार के लिए केंद्रीय पेयजल मंत्रालय को 798 करोड़ रुपए की प्रोपोजल भेज दी गई है और इसके लिए वित्तीय सहायता मुहैया करवाने के लिए केंद्रीय जल मंत्रालय से आग्रह किया गया है। इसके अलावा रामपुर, नाहन, हमीरपुर, सरकाघाट, मंडी, कुल्लू, मनाली और बंजार में 298.41 करोड़ रुपए की लागत से पेयजल परियोजनाओं का कार्य चल रहा है, जिसमें 31 मार्च, 2018 तक 195.59 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोएल की खंडपीठ के समक्ष केडी श्रीधर वरिष्ठ अधिवक्ता बतौर कोर्ट मित्र इस मामले की पैरवी कर रहे हैं।

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