बीस पीढि़यां पुराना है गोंदला का किला

By: May 2nd, 2018 12:05 am

आखिरी ठाकुर फतेह चंद ने 1990 ई. में बताया कि यह बीस पीढि़यां पुराना है। यह भवन आठ मंजिला है। कुल्लू के राजा मान सिंह वहां त्रिलोकीनाथ मंदिर को जाते हुए 1720 ई. में ठहरे थे। अतीत के अवशेष वहां आज भी पड़े हैं। अति प्राचीन वस्त्र, फर्नीचर और बुत उपेक्षित रूप में बिखरे पड़े हैं…

गोंदला

चंद्रा नदी के दाहिने किनारे पर गोंदला स्थित है। मुख्य आकर्षण गोंदला के ठाकुर का घर है, जिसे गोंदला गढ़ या किला कहा जाता है। जिला के गजटीयर के अनुसार इसका निर्माण कुल्लू के राजा मान सिंह द्वारा 1700 ई. में किया गया था जिसका प्रभाव बारालाचा-ला से परे लिंगती के मैदानों तक फैला हुआ था। परंतु आखिरी ठाकुर फतेह चंद ने 1990 ई. में बताया कि यह बीस पीढि़यां पुराना है। यह भवन आठ मंजिला है। कुल्लू के राजा मान सिंह वहां त्रिलोकीनाथ मंदिर को जाते हुए 1720 ई. में ठहरे थे। अतीत के अवशेष वहां आज भी पड़े हैं। अति प्राचीन वस्त्र, फर्नीचर और बुत उपेक्षित रूप में बिखरे पड़े हैं। ‘शराब राल्दी’ अर्थात बुद्धिमता की तलवार जो ठाकुर को दलाईलामा द्वारा अतीत में दी गई थी, भी फतेह चंद ठाकुर के कब्जे में है। यह तलवार स्पेन की टोलडो तकनीक द्वारा बनाई गई दिखाई देती है, वहां आदम कद से बड़ी एक चट्टान है, जिसमें कुछ देवताओं की आकृतियां कुरेदी गई हैं। स्थानीय लोग इसका संबंध महान काव्य महाभारत के पांडवों से दर्शाते हैं। परंतु ये आकृतियां बौद्ध देवताओं से मेल खाती हैं। जुलाई के महीने में यहां एक मेला लगता है जिसमें लामा नाचते और आनंद मनाते हैं। यह मेला बहुत से अभ्यागतों को आकर्षित करता है।

जयसिंहपुर

जयसिंहपुर हरोटी और पपलोर नदियों के तट पर स्थित है। यहां बहुत अधिक संख्या में मंदिर हैं। इनमें  से कुछ महत्त्वपूर्ण हैं लक्ष्मी नारायण, शीतला तोतला माता, जानकी नाथ और एक प्राचीन मंदिर नील कंठ महादेव, मस्त अली शाह और बाबा मनी राम की कब्रें भी यहां स्थित हैं। शीतला माता मंदिर के निकट ही गुग्गा छतरी मंदिर के अवशेष पाए जाते हैं। मुंडियां दा टियाला स्थान जो चौंटा के नाम से भी जाना जाता है, भी निकट ही स्थित है।

गोबिंदसागर झील

इस झील में रोमांचकारी अनुभव नौकायन है। धारा के उद्गम की ओर झील बांध के सौंदर्य में चार चांद लगा देती है। यह झील मछलियों का बड़ा स्रोत है, जो हिमाचल की आर्थिकी में वृद्धि करता है। बिलासपुर नगर, झील के बायीं ओर स्थित है।

गिरि नगर परियोजना

यह धौला कुआं में मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर जिला सिरमौर में स्थित है। इस स्थान पर रेणुका जी के निकट सतौन  से 6 किलोमटर सुरंग द्वारा गिरि नदी के जल को मोड़कर 60 मेगावाट क्षमता का एक विद्युत गृह बनाया गया है। यह परियोजना 1979 ई. में शुरू की गई थी। क्षेत्र के लिए इस परियोजना के दो उद्देश्य हैं सिंचाई और बिजली।

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