वट पूजन की पूर्णिमा

By: May 26th, 2018 12:07 am

ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा अत्यधिक पावन मानी जाती है। धार्मिक तौर पर पूर्णिमा को स्नान दान का बहुत अधिक महत्त्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान के पश्चात पूजा-अर्चना कर दान दक्षिणा देने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कुछ क्षेत्रों में ज्येष्ठ पूर्णिमा को वट पूर्णिमा व्रत के रूप में भी मनाया जाता है जो कि वट सावित्री व्रत के समान ही होता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्त्व

यह पूर्णिमा एक खास बात के लिए और जानी जाती है। दरअसल भगवान भोलेनाथ के नाथ अमरनाथ की यात्रा के लिए गंगाजल लेकर आज के दिन ही शुरुआत करते हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा को चूंकि वट पूर्णिमा व्रत के रूप में मनाया जाता है, इसलिए वट सावित्री व्रत पूजा विधि के अनुसार ही वट पूर्णिमा का व्रत किया जाता है। इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने का विधान है। इस बार ज्येष्ठ माह की प्रथम पूर्णिमा 29 मई को होगी। चूंकि यह पूर्णिमा अधिक मास में पड़ रही है, इसलिए वट पूर्णिमा व्रत दूसरी पूर्णिमा, जो कि 28 जून को होगी, के अवसर पर 27 जून को रखा जाएगा।

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